यह आरोप लगते रहे हैं कि भारतीय कंपनियां या व्यक्तिगत करदाता देश में कमाए गए काले धन को हवाला जैसे माध्यमों से पहले दूसरे देशों में भेजते हैं और वहां से इस पैसे को मॉरीशस की अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है। इसके बाद इन कंपनियों के जरिये इस पैसे को फिर से भारत में निवेश कर दिया जाता है। इस प्रकार काला धन सफेद होकर वापस भारत पहुंच जाता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2014 तक देश में सेवा, निर्माण, दूरसंचार, कंप्यूटर साफ्टवेयर एवं हार्डवेयर, औषधि, ऑटोमोबाइल उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुल 238 अरब 62 करोड़ 63 लाख डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ जिसमें अकेले मॉरीशस से 84.41 अरब डॉलर का एफडीआई-इक्विटी निवेश भारत में किया गया।
आंकड़ों के मुताबिक मॉरीशस के बाद 12.47 प्रतिशत योगदान के साथ दूसरा स्थान सिंगापुर का रहा। ब्रिटेन 9.13 प्रतिशत योगदान के साथ तीसरे और 7.42 प्रतिशत कुल एफडीआई के साथ जापान चौथे नंबर पर है। समीक्षाधीन अवधि में अमेरिका से 13.40 अरब डॉलर का निवेश हुआ। कुल इक्विटी निवेश में 5.62 प्रतिशत योगदान के साथ वह छठे स्थान पर रहा। कुल प्रवाह में 5.79 प्रतिशत योगदान और 13.81 अरब डॉलर निवेश के साथ नीदरलैंड पांचवें स्थान पर रहा। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस दौरान प्रवासी भारतीयों ने कुल 4.68 अरब डॉलर का निवेश देश में किया और उनका कुल एफडीआई में 1.96 प्रतिशत योगदान के साथ 10वां स्थान रहा।
इन 14 वर्षों में क्षेत्रवार सबसे ज्यादा 17.50 प्रतिशत विदेशी निवेश वित्त, बैंकिंग, बीमा जैसे सेवा क्षेत्रों में आया। दूसरा स्थान 10.06 प्रतिशत के साथ आवास, अवसंरचना और दूसरी निर्माण परियोजनाओं का रहा। तीसरा स्थान दूरसंचार क्षेत्र का रहा जहां 7.05 प्रतिशत निवेश हुआ। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में 5.78 प्रतिशत निवेश हुआ और यह चौथे स्थान पर रहा। ऑटोमोबाइल उद्योग में 4.77 प्रतिशत विदेशी निवेश हुआ और यह छठे स्थान पर रहा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 2.73 प्रतिशत निवेश हुआ और निवेश सूची में यह 13वें स्थान पर रहा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अगस्त 1991 से दिसंबर 2014 की अवधि में कुल मिलाकर देश में एफडीआई इक्विटी और गैर-निगमित निकायों की इक्विटी पूंजी, अर्जित संपत्ति के पुन:निवेश तथा अन्य पूंजी सहित कुल मिलाकर 371.90 अरब डॉलर का सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया गया।
समाप्त वित्त वर्ष 2014-15 में जुलाई से दिसंबर अवधि के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 20.75 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह हुआ जिसमें 13.81 अरब डॉलर एफडीआई इक्विटी और 6.94 अनिगमित निकायों सहित अन्य पूंजी प्रवाह शामिल है।