सरकारी उपक्रम एमएमटीसी ने इसी माह 5 हजार टन तुअर दाल के आयात के लिए निविदा जारी की है। दाल आयात की यह दूसरी निविदा है। पहली निविदा भी इतनी ही मात्रा में तुअर के आयात के लिए थी जिसमें फरवरी-मार्च में डिलीवरी मांगी गई थी।
वर्ष 2015 में दाल दलहनों की कीमतों में तेज उछाल के बीच कई जगह तुअर दाल के भाव लगभग 200 रुपए किलो ग्राम तक पहुंच गए थे। इस वर्ष कीमतें फिर न उछलें इसके लिए सरकार ने घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए एमएमटीसी को अधिक दलहन का आयात करने को कहा है। दालों के भाव अब भी 180 रुपये प्रति किलो के लगभग बने हुए हैं।
निविदा दस्तावेज के अनुसार एमएमटीसी ने म्यांमार, मालावी मोजाम्बिक अथवा किसी अन्य स्थान से ताजा फसल की 5,000 टन तुअर दाल का आयात और करने के लिए वैश्विक बोली आमंत्रित की है। निविदाएं 10 फरवरी तक जमा कराई जा सकती हैं। एमएमटीसी की शर्त है कि दाल आपूर्ति की कोई भी बोली कम से कम 2,500 टन के लिए होनी चाहिये और खेप जवाहरलाल नेहर पोर्ट ट्रस्ट तथा चेन्नई बंदरगाह पर 15 अप्रैल तक पहुंच जानी चाहिए।
एमएमटीसी ने पिछले वर्ष कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए 5,000 टन तुअर दाल का आयात किया था। हालांकि उसे उड़द दाल के आयात निविदा के लिए कोई बोली नहीं प्राप्त हुई थी। लगातार दूसरे वर्ष कम उत्पादन की उम्मीद करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हाल में वाणिज्य मंत्रालय से कहा कि वह कम उत्पादन स्थिति का सामना करने के लिए आयात की प्रक्रिया में गति लाने का निर्देश व्यापार करने वाली कंपनियों को दे।
रबी फसलों की कम बुवाई के कारण फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) में दलहन उत्पादन पहले के करीब 1.8 करोड़ टन के अनुमान के मुकाबले कम रहने की आशंका है। दलहन का उत्पादन वर्ष 2014-15 में एक करोड़ 73.8 लाख टन हुआ था।