बैठक में उद्योगपतियों की तरफ से यह सुझाव आया कि जिस तरह से चीन में अर्थव्यवस्था की नरमी बनी हुई है उसका फायदा भारत को उठाना चाहिए। बैठक में वैश्विक बाजार में उठा-पटक के माहौल पर भी विशेषज्ञों ने चर्चा की। गौरतलब है कि युआन के हाल में अवमूल्यन और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ने की संभावना से वैश्विक बाजार चर्चा में है। एजेंसी की खबर के मुताबिक सीआईआई के अध्यक्ष सुमित मजुमदार ने बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री ने उद्योग से कहा कि वह जोखिम ले और निवेश करे।
प्रधानमंत्री निवास पर हुई इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के अलावा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, बिजली मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आदि शामिल थे। इस बैठक में जिन उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया उनमें रिलायंस इंडस्टीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, टाटा समूह के प्रमुख सायरस पी मिस्त्री, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला, भारती एयरटेल के सुनील भारती मित्तल और आईटीसी के प्रमुख वाय सी देवेश्वर शामिल रहे।
सरकारी कंपनी गेल इंडिया के अध्यक्ष बी सी त्रिापाठी और भेल प्रमुख बी प्रसाद राव ,आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर और एसबीआई की अध्यक्ष अरंधती भट्टाचार्य भी इस बैठक में थीं। बैठक में शामिल हुए अर्थशास्त्री-विशेषज्ञों में आदित्य बिड़ला समूह के मुख्य अर्थशास्त्री अजित रानाडे, जेपी मार्गन के मुख्य अर्थशास्त्री जहांगीर अजीज और ब्रूकिंग्स इंस्टीच्यूट के सुबीर गोकर्ण भी थे। उद्योग मंडलों के प्रमुखों - सीआईआई के सुमित मजुमदार, फिक्की की ज्योत्स्ना सूरी और एसोचैम के राणा कपूर ने भी बैठक में भाग लिया।