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राज्यों की नई मांगों से अटक सकता है जीएसटी

केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अप्रैल 2016 से लागू करने का मन बनाया है लेकिन राज्यों की ओर से नई मांग सामने आने से इसमें अड़चनें आ सकती हैं।
राज्यों की नई मांगों से अटक सकता है जीएसटी

 राज्यों की मांग है कि नए कर कानून के पहले पांच साल तक उन्हें किसी तरह के राजस्व नुकसान की पूरी भरपाई केंद्र सरकार को करनी होगी।

जीएसटी पेश करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा की चयन समिति के पास लंबित है। केंद्र ने राज्यों को पहले तीन साल तक नुकसान भरपाई का प्रस्ताव दिया है जबकि चौथे साल और पांचवें साल के छह महीने तक नुकसान की तीन चौथाई भरपाई करने का भरोसा दिया है।

राज्य के वित्त मंत्रियों की विशेषाधिकार समिति की बैठक के बाद केरल के वित्त मंत्री के. एम. मणि ने कहा कि राज्यों को राजस्व नुकसान का भय है। मणि इस अधिकार-प्राप्त समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य 16 जून को चयन सम‌िति के समक्ष पांच मुख्य चिंताएं रखेंगे। वे चाहते हैं कि तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी से इतर अतिरिक्त बिक्री कर लगाने का अधिकार उन्हें मिले। कुछ राज्य चाहते हैं कि खरीद कर को जीएसटी में न जोड़ा जाए। हालांकि यदि इसे जोड़ दिया जाता है ‌तो उन्हें 15 वर्षों तक भरपाई की जाएगी। राज्यों ने जीएसटी से इतर अतिरिक्त एक प्रतिशत कर के प्रावधान पर भी चिंता जताई है जिस पर केंद्र ने राजस्व के नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया है।

 

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