नास्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा, यदि ज्यादातर कालाधन बैंक खातों या कर दायरे में आ जाता है तो ऐसे में नकदी में लेनदेन की वजह घटेगी और लोग इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को प्रोत्साहित होंगे। चंद्रशेखर डिजिटल भुगतान पर वित्त मंत्रालय की समिति के सदस्य भी हैं। इस समिति के प्रमुख नीति आयोग के रतन पी. वाटल हैं।
यहां जारी बयान में नास्कॉम ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की पहुंच काफी सीमित है। यहां 78 प्रतिशत लेनदेन नकदी में होता है। आईटी क्षेत्र के दिग्गज एनआर नारायणमूर्ति ने सरकार के इस कदम को मास्टर स्ट्रोक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे कालेधन तथा भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी और अर्थव्यवस्था को अधिक डिजिटल बनाने में मदद मिलेगी। मूर्ति ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए कालाधन बाधक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल अर्थव्यवस्था के बड़े समर्थक हैं। ऐसे में उन्होंने कल यह घोषणा की जो मास्टर स्ट्रोक है।
मूर्ति ने उम्मीद जताई कि इससे भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या पर काबू पाने में मदद मिलेगी और हम डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होंगे।
भाषा