एक आधिकारिक वक्तव्य जारी कर इसकी घोषणा की गई। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "वित्त विधेयक-2017 के अनुसार, आयकर अधिनियम-1961 की धारा 139 एए के तहत आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा, जो एक जुलाई से लागू हो जाएगा।"
बयान में कहा गया है कि आधार नंबर या आधार पंजीकरण नंबर उन्हीं व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होगा जो आधार पाने के योग्य होंगे।
हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 139 एए में यह भी कहा गया है कि उन व्यक्तियों को आयकर रिटर्न भरने या पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार नहीं देना होगा, जिन्हें आधार अधिनियम-2016 में स्थानीय निवासी नहीं माना गया है।
इसके बाद अब मोबाइल नंबर के लिए भी आधार अनिवार्य करने की तैयारी की जा रही है। अब सभी मोबाइल नंबर्स को आधार कार्ड से जोड़ना जरूरी होगा। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने टेलीकॉम कंपनियों को एक नोटिस भेजा है जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सब्सक्राइबर्स के मोबाइल नंबर उनके आधार से जुड़े हों। इस प्रक्रिया को एक साल में पूरा करने के लिए कहा गया है।
हालांकि आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती। हालांकि कोर्ट ने कहा कि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता।