कोविड-19 महामारी के चलते कई मोर्चों पर अनिश्चितता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से उन उपायों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है।
बैठक का आयोजन सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है और इसमें नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी भाग लेंगे।
एक सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘‘प्रधानमंत्री शुक्रवार को अगले बजट पर सलाह लेने के लिए अर्थशास्त्रियों से मिलेंगे।’’
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमानों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत घट सकता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक का अनुमान है कि इसमें क्रमशः 10.3 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत कमी होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के दौरान उम्मीद से अधिक तेजी से भरपाई हुई और इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा। इस कारण उपभोक्ता मांग में सुधार की उम्मीद है। आगामी केंद्रीय बजट एक फरवरी 2021 को पेश किए जाने की संभावना है।