राजन ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, फिलहाल गवर्नर के पास वीटो है जिसका अर्थ है कि सारे सुझाव केवल परामर्श मात्रा हैं। अंतत: निर्णय गवर्नर का ही होता है। इसलिए यदि हम वीटो अधिकार की व्यवस्था बरकरार रखते हैं तो वर्तमान स्थिति नहीं बदलेगी। इसमें यथास्थिति बरकार रहेगी। हमें इस बात का ध्यान में रखना होगा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले महीने जारी संशोधित भारतीय वित्त संहिता में नीतिगत ब्याज दर निर्धारण में आरबीआई के प्रमुख के वीटो पावर को खत्म करने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्रालय चाहता है कि सात सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति बहुमत से इसका फैसला करे। सात सदस्यों में से चार सरकार द्वारा नामित होंगे और शेष आरबीआई द्वारा।
इस महीने के आखिर तक जारी होंगे बैंक लाइसेंस
रिजर्व बैंक इस माह के अंत तक विविध प्रकार के नए बैंक लाइसेंस जारी करने की तैयार कर रहा है। इनमें लघु ऋण या भुगतान बैंकों के लाइसेंस हो सकते हैं जिससे देश में वंचित लोगों तक वित्तीय सेवाओं का विस्तार किए जाने में मदद मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने यहां चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुए कहा, मुझे उम्मीद है कि पहले बैंक लाइसेंस के कम से कम एक सेट की घोषणा यह महीना खत्म होने से पहले कर दी जाएगी।
आरबीआई को लघु रिण बैंक के लिए 72 और भुगतान बैंक लाइसेंस के लिए 41 आवेदन मिले हैं। इन आवेदनकर्ताओं में अंबानी और बिड़ला समूहों के अलावा डाक विभाग, टेक महिंद्रा, वीडियोकाॅन समूह और एनएसई शेयर बाजार जैसे आवेदक शामिल हैं।