नई दिल्ली। उम्मीदों के मुताबिक कदम उठाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है। इससे बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज 0.25 फीसदी सस्ता हो जाएगा। माना जा रहा है कि इस राहत को बैंक आगे ग्राहकों तक भी पहुंचा सकते हैं। जिससे बैंकों से आम जनता को मिलना वाला कर्ज सस्ता हो जाएगा।
मंगलवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 7.25 फीसदी कर दिया है। जनवरी से अब तक रेपो रेट में यह तीसरी कटौती है। लेकिन आरबीआई ने सीआरआर और एसएलआर को 4 फीसदी व 21.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। ये बैंकों के लिए अनिवार्य कैश रिजर्व के अनुपात हैं जिनमें कोई परिवर्तन नहीं कियाग या है। महंगाई में कमी को देखते हुए निवेश का महौल सुधारने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती का फैसला किया है। माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में इसमें और कटौती की जा सकती है।
जीडीपी का अनुमान घटाया
आरबीआई ने वैश्विक कारकों और कमजोर मानसून को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की विकास दर का अनुमान 7.8 से घटाकर 7.6 फीसदी कर दिया है।बैंक का मानना है कि मुद्रास्फीति अगस्त तक नीच बनी रहेगी लेकिन उसके बाद जनवरी 2016 तक यह बढ़कर 6 प्रतिशत तक हो जायेगी।
बैंकों से कर्ज सस्ता करने की अपील
राजन ने रेपो रेट में कटौती के बाद एक बार फिर कहा कि रेपो रेट में कटौती का फायदा बैंक ग्राहकों तक जरूर पहुंचाएं। इससे पहले उन्होंने रेपो रेट में कटौती के बावजूद बैंकों द्वारा कर्ज सस्ता नहीं करने को लेकर बैंकों को फटकार लगाई थी।