भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी प्रकार के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है।समिति ने रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बजट पेश होने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी। बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है।
आरबीआई ने आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि साल 2021 की शुरुआत में ही आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है और अर्थव्यवस्था पुनरूद्धार के संकेत प्रबल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त की मांग है कि विकास को मजबूत किया जाए। गवर्नर दास ने कहा कि मुद्रास्फीति 4 फीसदी के संतोषजनक दायरे में आ गयी है।
आरबीआई के गवर्नर ने कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मौद्रिक नीति में उदार रुख को कायम रखा गया है।"
गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक बुधवार 3 फरवरी को शुरू हुई थी। तीन दिन की बैठक के बाद एमपीसी के फैसलों की आज घोषणा की गई।