बीते जनवरी में देश में खुदरा महंगाई बढ़कर 7.59 फीसदी पर पहुंच गई है। खुदरा महंगाई मई 2014 के बाद के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। मई 2014 में खुदरा महंगाई ने 8.33 फीसदी का आंकड़ा छुआ था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने के कारण खुदरा महंगाई में इजाफा दर्ज किया गया है।
खाद्य वस्तुओं की तेजी से भड़की महंगाई
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई पिछले साल जनवरी में महज 1.79 फीसदी पर थी जबकि दिसंबर 2019 में महंगाई 7.35 फीसदी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई में 13.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले साल जनवरी में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 2.24 फीसदी की कमी आई थी। दिसंबर 2019 में खाद्य महंगाई 14.19 फीसदी रही थी। इस तरह दिसंबर के मुकाबले खाद्य महंगाई में थोड़ी कमी आई है।
आरबीआइ के सामने महंगाई बड़ी चुनौती होगी
भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट का िनर्धारण करते समय खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है। अगली मौद्रिक नीति के समय रेपो रेट पर फैसला करते समय आरबीआइ के लिए खुदरा महंगाई बड़ी चुनौती होगी।