सरकारी सूत्रों ने बताया कि उद्योग जगत द्वारा विरोध किए जाने के बाद पुराने आईटीआर की जगह नया सरल फॉर्म लाया जा रहा है जिसमें देश के अंदर निष्क्रिय बैंक खातों और उन खातों का जिक्र करने का नियम हटाया जा सकता है जिनमें न्यूनतम बैलेंस का पालन नहीं किया गया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आयकर विभाग का मानना है कि कंपनी द्वारा प्रायोजित विदेश दौरे की घोषणा वाले खाने को आईटीआर फॉर्म से हटा दिया जाना चाहिए। जहां तक व्यक्तिगत दौरे का सवाल है, संशोधित आईटीआर में एक निर्धारित सीमा तक खर्च किए जाने के जिक्र को भी इससे दायरे से बाहर रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने वाले लोगों को ही इस फॉर्म में विवरण भरने के लिए कहा जाएगा। विदेशी बैंक खाते का जिक्र करना पहले की तरह अनिवार्य रहेगा, अन्यथा काला धन कानून का उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। पिछले हफ्ते ही संसद ने काला धन (विदेशी आय और संपत्तियों की गोपनीयता) और करों की जालसाजी सबंधी विधेयक, 2015 पारित कराया था जिसमें विदेशों में छिपाकर रखे धन को देश में लाने का प्रावधान है। संशोधित आईटीआर फॉर्म इसी महीने के अंत तक पेश कर दिया जाएगा। आईटीआर फॉर्म (आईटीआर-1 और आईटीआर-2) के सरल प्रारूप पर अंतिम फैसला वित्त मंत्री अरुण जेटली को करना है। वेतनभोगियों को और कारोबार या पेशे से कमाई नहीं करने वाले व्यक्तियों को 31 जुलाई तक आईटीआर-1 या आईटीआर-2 भरना होगा।