भारत की आर्थिक वृद्धि टिकाऊ है क्योंकि उसे अभी काफी दूरी तय करनी है। पांच दिन की यात्रा पर चीन आये जेटली ने सरकारी चैनल सीसीटीवी को दिये एक साक्षात्कार में कहा, यह वृद्धि टिकाऊ है। इसकी वजह यह है कि भारत को आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में अभी लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने कहा कि भारत में इस लिहाज से बुनियादी ढांचा, शहरीकरण, आवास, बिजली, जल तथा सामाजिक क्षेत्रा में निवेश की काफी संभावनायें हैं। जेटली ने कहा, हमारे लिये आज निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस तरह का निवेश आज हमें चाहिये। काफी आर्थिक गतिविधियां होनी हैं। वर्तमान में सार्वजनिक वित्त निवेश के मामले में नेतृत्व कर रहा है। मुझे विश्वास है कि कुछ समय में जब अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, निजी क्षेत्र भी इसे गति देगा। उन्होंने कहा, दूसरा, मानसून भी सामान्य से कम रहने के बावजूद हमारी दो साल से वृद्धि अच्छी रही है। भारत की आर्थिक वृद्धि में मानसून महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस साल मानसून बेहतर रहने की उम्मीद है। जेटली ने कहा कि अगर देश में मानसून अच्छा है तो इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी, लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। वित्त मंत्री ने कहा, पिछले साल हमारी वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही। हम निश्चित रूप से इसे बनाये रखेंगे और अच्छे मानसून के साथ उम्मीद है कि यह और बेहतर होगी। पिछले साल भारत की आर्थिक वृद्धि चीन (6.9 प्रतिशत) से अधिक रही। वैश्विक बुनियादी ढांचा तथा आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर जेटली ने वैश्विक आर्थिक नरमी पर अपनी चिंता रखी। इस विषय पर रविवार को सेमिनार में वह अपनी बातें रखेंगे। उन्होंने कहा, भारत जैसे बड़ी आबादी वाली अर्थव्यवस्था में रोजगार वृद्धि अत्यंत महत्वपूर्ण है। जेटली ने शनिवार को चीन समर्थित एशियन इंफ्रास्टक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के निदेशक मंडल की बैठक में भी हिस्सा लिया।