मंत्रालय ने स्टार्टअप को पोषित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के तहत यह कदम उठाया है। मंत्राालय ने कहा है कि नयी पीढी के उक्त उपकमों को नौ श्रम कानूनों के अनुपालन के लिए स्वप्रमाणन की अनुमति दी जाए।
श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने एक पत्र में कहा है कि स्टार्टअप को नौ श्रम कानूनों के तहत तीन साल तक न तो रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जाए और न ही उनका निरीक्षण हो। उक्त कानूनों में कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून तथा कर्मचारी राज्य बीमा कानून शामिल है।
उन्होंने कहा है,स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष ध्यान दिए जाने व पोषण की जरूरत है। इसलिए इन उपकमों को श्रम कानूनों के स्वप्रमाणन की अनुमति दी जा सकती है। इसके तहत उक्त स्टार्टअप को भवन व अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार व सेवा शर्तों का नियमन) कानून, अंतरराज्यीय आव्रजक श्रमिक (रोजगार व सेवा शर्तों का नियमन) कानून, ग्रेच्युटी भुगतान कानून तथा ठेका श्रमिक कानून के तहत निरीक्षण आदि से छूट दी जाएगी।
इस तरह के स्टार्टअप को पहले सा निरीक्षण तथा रिटर्न फाइल करने से पूरी तरह छूट होगी और उनसे आनलाइन स्व घोषणा फार्म जमा करने को कहा जाएगा।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    