अधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि जांच एजेंसियां ऐसे मामलों में एक मानक फॉरमेट में सूचना चाहती है, फिर वह लेन देने चेक से किया गया हो या किसी और तरीके से। उन्होंने कहा कि मानक तरीके का मुद्दा सबसे पहले सीबीआई ने उठाया क्यों कि अपराधों की जांच के सिलसिले में बैंक उसे विभिन्न फॉरमेट में सूचना मुहैया कराते थे जिससे उसे मुश्किल होती थी। केंद्रीय आर्थिक जांच ब्यूरो ने इस संबंध में एक बैठक बुलाई गई और उसमें चर्चा के आधार पर एक स्वीकार्य फॉरमेट डिजाईन किया गया।
सूत्रों ने बताया कि राजस्व सचिव हंसमुख अधिया की अध्यक्षता में जांच एजेंसियों पर गठित कार्यसमूह की हाल में हुई बैठक में आरबीआई के एक प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) संकेत दिया है कि बैंक राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोश हस्तांतरण, इंटरनेट बैंकिग और नए फॉरमेट में अंतर बैंक हस्तांतरण संबंधी सूचनाएं मानक फॉरमेट में उपलब्ध कराने को तैयार हो गये है। इस बैठक में विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारियेां ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव ने आरबीआई से कहा कि वह बैंकों की एसोएिशन आईबीए पर जोर डाले ताकि चेक हस्तांतरण के ब्योरे तय फॉरमेट में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी मुहैया कराया का जा सकता है। जांच एजेंसियों को काले धन, मनी लांडरिंग, आय से ज्यादा परि संपत्तियों और बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए बैंकों से सूचना की जरूरत होती है।