केंद्रीय कैबिनेट ने डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास बिल, 2020 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे विभिन्न डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) में लंबित कर विवादों का निपटारा किया जा सकेगा।
पहले लोकसभा में पेश हुआ था बिल
प्रत्यक्ष कर से संबंधित मामलों में कमी लाने के लिए विवाद यह बिल इस महीने के शुरू में लोकसभा में पेश किया गया था। इसमें कमिशनर (अपील), आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर लंबित केसों को शामिल करने का प्रस्ताव था। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि डीआरटी में लंबित मामलों को भी इसके दायरे में लाने का फैसला किया गया। विभिन्न स्तरों पर नौ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा प्रत्यक्ष कर के मामले लंबित हैं। मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस साल 31 मार्च से पहले करदाता कर विवाद निपटाने के लिए स्कीम का लाभ उठाएंगे क्योंकि उसके बाद विवादों के निपटारे पर 10 फीसदी ज्यादा चार्ज लगेगा।
बीमा कंपनियों को मिलेगी 2500 करोड़ रुपये पूंजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन सरकारी जनल इंश्योरेंस कंपनियों में 2500 करोड़ रुपये पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। सरकार की ओर से नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि., ऑरियंटल इंश्योरेंस कंपनी और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को पूंजी मिलेगी।
भारत-श्रीलंका डीटीएए में संशोधन होगा
कैबिनेट ने भारत-श्रीलंका के बीच दोहरा कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। समझौते में आय पर करों की चोरी रोकने के लिए प्रावधानों में भी संशोधन का प्रस्ताव है।
प्रमुख बंदरगाहों के लिए बनेगा प्राधिकरण
इसके अलावा प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। नया विधेयक 1963 के कानून का स्थान लेगा जिसके जरिये देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों का परिचालन किया जाता है। देश के बंदरगाहों की कार्यक्षमता सुधारने के उद्देश्य से प्राधिकरण का गठन करने का प्रस्ताव है। दीनदयाल (पहले कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मरमुगाओ, न्यू मैंगलोर, कोच्चि, चेन्नई, कामराजर (पहले एन्नोर), वी. ओ. चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) बंदरगाह नए प्राधिकरण के तहत आएंगे। इन बंदरगाहों से वर्ष 2018-19 में कुल 69.9 करोड़ टन माल का परिवहन किया गया था।