भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन को विश्वसनीय और टिकाऊ बताते हुए जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि बैंक के ग्राहकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यस बैंक पर लगी रोक बुधवार (18 मार्च) शाम 6 बजे हटा दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार इस संकट से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।
निजी बैंकों ने किया निवेश
वहीं, निजी बैंकों द्वारा अब तक 3,950 करोड़ रुपये निवेश किए गए है। आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने एक हजार करोड़ का निवेश किया है। इसके अलावा एक्सिस बैंक ने 6 सौ करोड़ और कोटक महिंद्रा बैंक ने 5 सौ करोड़ रुपए का निवेश किया है।
वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था प्रभावित
दुनिया के साथ-साथ भारत के लिए संकट बनता जा रहा जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर आरबीआई ने अर्थव्यवस्था के मद्देनजर चिंता जाहिर की है। शक्तिकांत दास ने कहा है कि इस वायरस की वजह से घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगा।
50 हजार से ज्यादा नहीं निकाल सकते ग्राहक
इससे पहले पिछले सप्ताह आरबीआई ने यस बैंक को अपने नियंत्रण में ले लिया था। जिसके बाद इस बैंक से निकासी की सीमा 50 हजार रुपए तय कर दी गई थी। उस वक्त आरबीआई ने कहा था कि यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया था। इसके अलावा जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी गई।