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कलाई पर अब नहीं सजेगी ये घड़ी

यूं तो कलाई घड़ी का पूरा कारोबार ही संकट में है। हाथ में थमा मोबाइल फोन एक साथ घड़ी, कैलेंडर, डायरी और इस तरह के दसियों काम को अंजाम देता है मगर इस कंपनी का बंद होना पुरानी पीढ़ी के लोगों के लिए शायद कुछ ज्यादा निराशाजनक है। एक दौर था जब हिंदुस्तान मशीन टूल्स यानी एचएमटी की घड़ियों की तूती बोलती थी और देश की हर कलाई पर यह घड़ी सजती थी।
कलाई पर अब नहीं सजेगी ये घड़ी

टाइटन, सिटिजन जैसी कंपनियों के आने से इसका कारोबार कम हुआ मगर फिर भी कंपनी ठीकठाक चलती रही मगर मोबाइल फोन के दौर ने और बदलते वक्त के साथ कदम मिलाकर न बदल पाने की वजह से यह कंपनी खस्ताहाल हो गई और अब सरकार ने एचएमटी की तीन अव्यवहार्य इकाइयों को बंद करने का फैसला कर लिया है। ये तीन इकाइयां एचएमटी वॉचेज, एचएमटी चिनार वॉचेज और एचएमटी बेयरिंग्स शामिल हैं। इनके कर्मचारियों को 2007 के वेतनमान के अनुसार आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 6 जनवरी को दिल्ली में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि  427.48 करोड़ रुपये की नकद मदद के साथ एचएमटी लिमिटेड की तीन नुकसान दर्ज करने वाली अनुषंगी इकाइयां एचएमटी वॉचेज, एचएमटी चिनार वॉचेज और एचएमटी बेयरिंग्स बंद होगी और कर्मचारियों को आकर्षक वीआरएस-वीएसएस की पेशकश की गई है।

बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने 2007 के वेतन स्तर पर एचएमटी वॉचेज, एचएमटी चिनार वॉचेज और एचएमटी बेयरिंग्स के कर्मचारियों को कठिनाइयों से उबारने के लिए 2007 के वेतनमान के अनुसार वीआरएस-वीएसएस देने की पेशकश और कंपनियों का परिचालन बंद करने की मंजूरी दी। कंपनियों की चल एवं अचल परिसंपत्तियों का निपटान सरकारी नीति के मुताबिक होगा।

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