किंगफिशर एयरलाइंस को दिए 9000 करोड़ रुपये की बकाया राशि का कुछ हिस्सा वसूलने के प्रयास के तहत बैंकों द्वारा एयरलाइंस से संबंधित चीजों की नीलामी का प्रयास एक बार फिर विफल हो गया। गुरुवार को बैंकों ने एयरलाइंस के ट्रेडमार्क, लोगो और टैग लाइन की नीलामी का प्रयास किया। इसके अलावा बैंकों ने किंगफिशर हाउस में रखी करीब 13.70 लाख रुपये की चल संपत्तियों को भी नीलामी के लिए पेश किया, लेकिन इसके लिए भी किसी ने बोली नहीं लगाई। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 17 बैंकों के गठजोड़ ने फ्लाइंग मॉडल्स, फनलाइनर, फ्लाई किंगफिशर और फ्लाई बर्ड उपकरण की नीलामी का भी प्रयास किया। एक सूत्र ने कहा, मुझे लगता है कि ट्रेडमार्क के लिए आरक्षित मूल्य को अभी भी बोली लगाने वाले ऊंचा मान रहे हैं।
विधि विशेषज्ञों का मानना है कि किंगफिशर के ब्रांड मूल्य को काफी झटका लग चुका है, इसी वजह से इनके लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। बैंकरों ने इससे पहले अप्रैल में इन ट्रेडमार्क्स की नीलामी का प्रयास किया था। उस समय इसका आरक्षित मूल्य 366.70 करोड़ रुपये रखा गया था। यह नीलामी विफल हो गई थी, क्योंकि किसी ने भी इसके लिए बोली नहीं लगाई थी। इस बार बैंकों ने आरक्षित मूल्य 10 प्रतिशत घटाकर 330.03 करोड़ रुपये कर दिया है। जिस समय एयरलाइंस काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी उस दौरान ग्रांट थार्नटन ने किंगफिशर ब्रांड का मूल्यांकन 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का लगाया था।