भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने खुले बाजार में स्पेयर पार्ट्स की बिक्री को प्रतिबंधित करने के एक मामले में कार कंपनियों खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई की। सीसीआई ने इस मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर इंडिया पर 420 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। सीसीआई ने कंपनी को इस पेनल्टी को जमा करने के लिए 60 दिनों का समय दिया है। सीसीआई ने अपनी जांच में हुंडई मोटर को व्यापार में अनुचित व्यवहार का दोषी पाया। आयोग ने कहा कि हुंडई पर भारत में उसके कुल टर्नओवर का 2 फीसदी पेनल्टी लगाई गई है। आयोग ने कंपनी के 2009-10 के दौरान रहे टर्नओवर के आधार पर 420 करोड़ रुपए की पेनल्टी तय की है।
इसके अलावा सीसीआई ने दो अन्य कार निर्माताओं रेवा (महिंद्रा की सहायक कंपनी) और प्रीमियर को भी प्रतिस्पर्धारोधी गतिविधियां रोकने की हिदायत दी है। सीसीआई इससे पहले पिछले साल अगस्त में 14 अन्य कार कंपनियों पर 2,544.64 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुकी है। यह जुर्माना इसी तरह के एक मामले में होंडा, सिएल, फिएट, फोक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड, जनरल मोटर्स, हिंदुस्तान मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मर्सिडीज बेंज, निसान मोटर्स, स्कोडा, टाटा मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स जैसी कार निर्माता कंपनियों पर लगाई गई थी।
आज के अपने फैसले में सीसीआई ने कहा कि कुछ ‘कारण’ प्रीमियर और रेवा के पक्ष में गए, इसीलिए आयोग ने इन दोनों के खिलाफ कोई पेनल्टी नहीं लगाने का फैसला किया है।