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ढाई लाख रुपये से अधिक की जमाओं का हिसाब नहीं मिला तो कर, जुर्माना

सरकार ने आज रात आगाह किया कि बड़े नोटों का चलन बंद करने के बाद उन्हें जमा कराने की 50 दिन की छूट की अवधि में 2.5 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा के मामलों में यदि आय घोषणा में विसंगति पाई गई तो कर और 200 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ सकता है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी।
ढाई लाख रुपये से अधिक की जमाओं का हिसाब नहीं मिला तो कर, जुर्माना

उन्होंने कहा, 10 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 की अवधि में हर बैंक खाते में 2.5 लाख रुपये की सीमा से अधिक की सभी नकदी जमाओं की रपट हमें मिलेगी। अधिया ने कहा,आयकर विभाग इन जमाओं का मिलान जमाकर्ता के आयकर रिटर्न से करेंगे। उचित कार्रवाई की जा सकती है।

खाताधारक द्वारा घोषित आय और जमाओं में किसी तरह की विसंगति को कर-चोरी का मामला माना जाएगा। अधिया ने कहा कि उन छोटे कारोबारियों, गृहिणियों, कलाकारों व कामगारों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है जिन्होंने कुछ नकदी बचाकर घर में रखी हुई है।

अधिया ने कहा कि इस तरह के लोगों को आयकर विभाग की जांच आदि के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ऐसे लोगों को 1.5 लाख या दो लाख रुपये तक की छोटी जमाओं को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि राशि तो कराधान योग्य आय के दायरे में नहीं आती। इस तरह के छोटी जमाओं वाले खाताधारक आयकर विभाग से किसी तरह के उत्पीड़न की चिंता नहीं करें।

लोगों द्वारा आभूषण खरीदे जाने के बारे में उन्होंने कहा है कि जवाहरात खरीदने वालों को पैन नंबर देना होगा।

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