गोवा में आज यानी शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की 37वीं महत्वपूर्ण बैठक में दरों को लेकर कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक पर सभी कंपनियों की निगाहें टिकी हुई हैं। ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में छाई मंदी से निपटने के लिए काउंसिल जीएसटी दर में कमी कर सकती है।
जानकारी के मुताबिक, आज होने इस बैठक में रेवेन्यु और इकोनॉमिकल ग्रोथ को रफ्तार देने की जरूरत को ध्यान में रखने में हुए टैक्स भार हल्का करने के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। दरअसल, आर्थिक सुस्ती के बीच कई इंडस्ट्रिज की जीएसटी में कटौती की मांग के बीच यह बैठक हो रही है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार उद्योगों की मांगों को कैसे हल करती है।
रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स घटने की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स घटने की उम्मीद है। आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में 5 फीसदी के बजाय 8 फीसदी की दर को टैक्स का सबसे निचला स्लैब बनाया जा सकता है। मोदी सरकार देश की आर्थिक ग्रोथ को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई चीजों से जीएसटी कम करना चाहती है।
काउंसिल टैक्स स्लैब में कर सकती है कमी
बता दें कि पिछले हफ्ते राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों वाले फिटमेंट कमेटी की बैठक हुई थी, इसमें गाड़ियों पर जीएसटी घटाने से सरकार की आमदनी पर पड़ने वाले असर पर चर्चा हुई थी। ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में छाई मंदी से निपटने के लिए काउंसिल टैक्स स्लैब में कमी कर सकती है। वहीं, घाटे की भरपाई के लिए पांच फीसदी स्लैब को खत्म किया जा सकता है।
ऑटो सेक्टर की जीएसटी दरें कम करने की मांग
ऑटो सेक्टर के लिए भी आज बड़ी घोषणा होने की संभावना है। अभी वाहनों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी है, ऑटो कंपनियों ने इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है। लेकिन अब देखना ये होगा की मंदी के दौर से गुजर रहे ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी काउंसिल क्या कुछ करती है।
होटल उद्योग को मिल सकती है राहत
होटल उद्योग को आज जीएसटी बैठक में राहत मिलने की उम्मीद है। 12,000 रुपये तक के होटल कमरों (एक रात्रि के लिए) को 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। वर्तमान में 7,500 रुपये तक के कमरों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
पहले हो चुके हैं ये ऐलान
सरकार ने पहले चरण में 23 अगस्त को विदेशी पोर्टफोलियो (एफपीआई) और घरेलू निवेशकों पर लगाया गया सरचार्ज वापस लिया है। इसके बाद दूसरे चरण में 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की गई। पिछले हफ्ते सरकार ने एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।