भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पलटवार किया है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को याद दिलाया कि इस संस्था के प्रमुख के पद पर उनके कार्यकाल का दो तिहाई हिस्सा भाजपा शासन में ही बीता है। इससे पहले सीतारमण ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राजन के कार्यकाल के समय केंद्रीय बैंक अपने सबसे बुरे दौर से गुजरा था।
हालांकि, आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि वे इस मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा नहीं करना चाहते मगर वास्तविकता ये है कि मैंने अपने कार्यकाल में खराब ऋण और एनपीए कम करना शुरू किया, जो अभी तक जारी है। इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए। मैंने जब रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला था तो बैंकों पर खराब ऋण और गैर लाभकारी संपत्ति (एनपीए) का बोझ बढ़ गया था।
राजन ने एक इंटरव्यू में भाजपा नेता को याद दिलाया कि वह पांच सितंबर 2013 से सितंबर 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। उन्होंने कांग्रेस सरकार में केवल आठ महीने जबकि भाजपा सरकार के समय 26 महीने कामकाज किया। राजन ने कहा कि मुझे राजनीतिक बहस में नहीं पड़ना है पर उनके कार्यकाल में ही बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) पर काम शुरू हुआ था, पर वह काम पूरा नहीं हो पाया।
‘गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में भी सुधार हो’
रघुराम ने कहा कि बुरे दौर से गुजर रहे गैर बैकिंग वित्तीय क्षेत्र में भी सुधार और रिकैपिटलाइजेशन लागू करने की जरूरत है। अगर मजबूत विकास चाहिए तो वित्तीय प्रणाली को दुरुस्त करना होगा। इससे पूर्व रघुराम राजन ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था पर बेहतर काम नहीं किया क्योंकि सरकार केंद्रीयकृत थी। सरकार की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए सतत एवं स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं था।