यह लाइसेंस ऊर्जा से लेकर टेलीकॉम सेवाओं से जुड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नुवो लिमिटेड तथा आइडिया सेल्युलर लिमिटेड के साझा उपक्रम तथा देश के डाक विभाग को भी दिया गया है। रिजर्व बैंक ने बुधवार को बताया कि बैंकिंग लाइसेंस के लिए कुछ 11 आवेदक कंपनियों को चुना गया है।
इन कंपनियों को सैद्धांतिक रूप से 18 महीनों की मंजूरी देने के लिए चुना जाएगा और इसके बाद यदि वे आरबीआई की सभी शर्तों पर खरी उतरती हैं तो उन्हें आगे के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। इस लाइसेंस के लिए कुल 41 कंपनियों ने आवेदन किया था। इनमें से जिन कंपनियों को योग्य नहीं पाया गया, वे बाद के दौर के लिए भी सफल आवेदक हो सकते हैं।
आरबीआई द्वारा दिए जाने वाले इस लाइसेंस के तहत कंपनियां धन जमा और भुगतान तो कर सकती हैं लेकिन कर्ज नहीं दे सकतीं। यह कदम देश में वित्तीय समावेशन बढ़ाने के इरादे से उठाया गया है और ऐसी जगहों पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से हैं जहां आबादी के आधे से भी कम लोगों के पास बैंक खाते हैं।