रुपये का यह स्तर सितंबर 2013 के बाद सबसे नीचा स्तर है। आयातकों और डालर की सतत डॉलर मांग से भारतीय रुपये पर दबाव बना रहा।
विदेशी निवेशकों की ओर से कोष की निकासी होने और संसद में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों से जुड़े विधेयकों के पारित होने में लगातार देरी की वजह से रुपया 20 माह के निम्न स्तर पर आ गया। कारोबार की शुरआत में आज रपया 63.75 रपये पर कमजोर खुला और कारोबार के दौरान यह और गिरकर 64 से भी नीचे खिसकता हुआ 64.25 रपये तक आ गया।