उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, मैं निश्चित तौर पर भारत लौटना चाहूंगा। फिलहाल हालात मेरे खिलाफ तेजी से और भयानक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। मेरा पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। मुझे नहीं पता कि सरकार का अगला कदम क्या होगा। साठ वर्षीय माल्या ने कहा कि वह एक देशभक्त हैं, जिसे तिरंगा फहरा कर गर्व होता है। लेकिन उनके बारे में जो चीख-पुकार मची है, ऐसे में वे ब्रिटेन में सुरक्षित रहकर खुश हैं और उनकी भारत लौटने की कोई योजना नहीं है।
माल्या ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, आज भारत के माहौल को समझना महत्वपूर्ण है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न सिर्फ जनता की राय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है बल्कि सरकार को भी बड़े पैमाने पर भड़का रहा है। भारत सरकार ने कल ब्रिटेन को शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए पत्र लिखा है। मनी लॉडरिंग मामले में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
माल्या दो मार्च को विमान के जरिये दिल्ली से लंदन पहुंचे थे क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक समूह ने उनकी बंद पड़ चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स लिमिटेड द्वारा लिए गए करीब 9,000 करोड़ रुपये के ऋण की वसूली के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि वह किंगफिशर के कोष के दूसरे काम में उपयोग, संपत्ति खरीदने या ऐसी चीजों से जुड़े किसी गलत आरोप के मामले में दोषी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किंगफिशर के खातों के लेखा-परीक्षण और बैंकों के ऋण के उपयोग के संबंध में विश्व के बेहतरीन लेखापरीक्षक को नियुक्त कर सकती है। उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा, क्योंकि यही सच है। माल्या ने कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि इस सबके बावजूद वह किंगफिशर के ऋणदाताओं के साथ मामला निपटाना चाहते हैं।
यह पूछने पर कि उनकी चिंताओं की वजह कौन है, माल्या ने कहा, काश, मुझे पता होता।
यह पूछने पर कि उनके पीछे नौकरशाह हैं या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, माल्या ने कहा, मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि जिस तरीके से मेरा पासपोर्ट पहले निलंबित किया गया और फिर रद्द किया गया वह असाधारण जल्दबाजी में किया गया। उन्होंने कहा, पिछले सप्ताह सार्वजनिक अवकाश के दिन पहले निलंबन की सूचना आई... जिसका मैंने जवाब दिया। मेरे जवाब पर विचार नहीं किया गया और शनिवार को पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने गलतियां की हैं, माल्या ने कहा, मैंने कई गलतियां की होंगी।
माल्या से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने जनता का मिजाज पढ़ने में गलती की जो भारत में ठसकदार अरबपतियों के खिलाफ हो गया है, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं समझ में आता कि उन्हें जानबूझकर चूक करने वाला (विलफुल डिफाल्टर) क्यों करार दिया गया। उन्होंने कहा, हमने किंगफिशर एयरलाइन्स में 61 करोड़ पाउंड का निवेश किया है, हमने विमानन कंपनी को बचाने के लिए हरसंभव उपाय किए था। वृहत्-आर्थिक कारकों और तत्कालीन सरकार की नीतियों के कारण, दुर्भाग्य से किंगफिशर को नहीं बचाया जा सका। हालांकि मैंने अपनी सामान्य जिंदगी जी है... लोगों को लगता है कि मैं दिखावा करता हूं, दरअसल मैं बेहद सीधा-सादा आदमी हूं। माल्या ने कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत की है। वह बैंकों के साथ मामला निपटाना और अपनी जिंदगी शांति से बिताना चाहते हैं। फिलहाल उनका ध्यान इसी पर है।