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अब लगेगा भेदिया कारोबार पर अंकुश

भेदिया कारोबार पर अंकुश के लिए नियमों का नया सेट आज से प्रभावी हो गया है। नए नियमों के तहत किसी सूचीबद्ध कंपनी में उसके प्रवर्तकों, महत्वपूर्ण प्रबंधन स्तर के कर्मियों, उनके रिश्तेदारों और सभी संबद्ध लोगों द्वारा शेयरों के अवैध लेन-देन पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अब लगेगा भेदिया कारोबार पर अंकुश

नए नियम करीब दो दशक पुराने नियमों का स्थान लेंगे। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि उचित सौदों पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े। भेदिया कारोबार नियमन प्रतिबंध, 2015 में अवधारणा को बेहतर तरीके से स्पष्ट और परिभाषित किया जाएगा। इसके तहत मजबूत कानूनी व प्रवर्तन ढांचा स्थापित किया जाएगा। नियमों को सख्त किया जाना इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को न केवल छोटी कंपनियों बल्कि बड़ी कंपनियों में भी भेदिया कारोबार के मामले मिल रहे हैं।

 

नियामक ने इस साल जनवरी में भेदिया कारोबार के नए नियमन अधिसूचित किए थे। नए ढांचे में भेदिया की परिभाषा का विस्तार किया गया है। इसमें एेसे लोगों को भी शामिल किया गया है जो किसी अनुबंधकीय, विश्वास वाले या नौकरी के संबंध जिनसे एेसे लोगों को अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचनाओं तक पहुंच उपलब्ध होती हो।

 

परिभाषा के तहत इसमें एेसे लोगों को भी शामिल किया गया है जो सीधे तौर पर कंपनी में किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन वे कंपनी व उसके उन अधिकारियों के नियमित संपर्क में हैं, जो परिचालन से संबंधित जानकारी रखते हैं। यहां कनेक्टिड या जुड़ा व्यक्ति वह भी होगा जो इस तरह की किसी गतिविधि से करीब छह महीने पहले तक कंपनी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा रहा हो।

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