वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती तथा भारतीय कंपनियों, विशेषकर सरकारी बैंकों के निराशाजनक तिमाही नतीजों से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। बाजार में चले भारी बिकवाली के दौर के बीच निवेशकों की तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी डूब गई। आज आई इस गिरावट के बाद सेंसेक्स करीब एक साल पहले यानी 4 मार्च, 2015 के 30,024 अंक के स्तर से 23 प्रतिशत टूट चुका है। इस दौरान निवेशकों की 20 लाख करोड़ रुपये की पूंजी स्वाहा हो गई है।
हालांकि सरकार ने बाजार में गिरावट का दोष वैश्विक कारकों पर मढ़ते हुए कहा कि इस साल सेंसेक्स में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि अन्य बाजार इससे कहीं अधिक टूटे हैं। सर्वकालिक उच्चस्तर से करीब 20 प्रतिशत की गिरावट को मंडियों का दबाव माना जाता है। इससे लगातार गिरावट का संकेत समझा जाता है। आज आई गिरावट से बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण या मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये घट गया। इस तरह सप्ताह की शुरआत से अभी तक निवेशकों की पूंजी 7 लाख करोड़ रुपये घट चुकी है। निवेशकों की बाजार के हिसाब से पूंजी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से अब तक 20 लाख करोड़ रुपये घटकर 86 लाख करोड़ रुपये पर आ गई है।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज 23,758.46 अंक पर कमजोर रुख के साथ खुलने के बाद बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली से 22,909.12 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया। अंत में सेंसेक्स 807.07 अंक या 3.40 प्रतिशत के नुकसान से 22,951.83 अंक पर बंद हुआ।