सरकार की बिक्री पेशकश के जरिये एनएमडीसी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की योजना है। मौजूदा भाव पर सरकारी खजाने को इससे 4,000 करोड़ रूपये मिलने चाहिए। दिसंबर, 2012 में कंपनी में इतनी ही हिस्सेदारी बेचकर 5,900 करोड़ रूपये जुटाए थे। सूत्रों ने कहा कि वित्त तथा इस्पात मंत्रालय के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी के अधिकारियों को दो टीम में बांटा गया है ताकि वे दुनिया में चार प्रमुख व्यापार केंद्रों में निवेशकों के बीच प्रचार-प्रसार कर सकें। एक टीम न्यूयार्क और लंदन जाएगी जबकि दूसरा दल सिंगापुर तथा हांगकांग जाएगा।
सूत्रों ने पीटीआई भाषा से कहा कि प्रचार-प्रसार को लेकर बैठकें 10 दिनों तक चलेगी और इससे संस्थागत निवेशकों को कंपनी की वृद्धि संभावना को समझने का अवसर मिलेगा। सरकार को एनएमडीसी विनिवेश पर सिटीबैंक इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लि. तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट लि. परामर्श दे रही है। इस्पात मंत्रालय के अधीन आने वाली एनएमडीसी मुख्य रूप से लौह अयस्क खनन का काम करती है। लेकिन कंपनी इस्पात उत्पादन और अन्य मूल्यवद्रि्धत उत्पादों की गतिविधियों में विस्तार कर रही है। सरकार की कंपनी में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बंबई शेयर बाजार में शुक्रवार को एनएमडीसी का शेयर 0.94 प्रतिशत की बढ़त के साथ 107.60 रूपये पर बंद हुआ। इस भाव पर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी या 39.64 करोड़ शेयर बेचने से सरकारी खजाने को 4,000 करोड़ रूपये मिलेंगे। सरकार की चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 56,500 करोड़ रूपये जुटाने का लक्ष्य है।