रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआइएल) ने उस समय नया इतिहास लिख दिया जब गुरुवार को शेयर बाजारों में इसका बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) 10 लाख करोड़ रुपये के ऊपर निकल गया। 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वैल्यूएशन पाने वाली वह पहली भारतीय कंपनी बनी है।
एम-कैप 10.02 लाख करोड़ तक पहुंचकर घटा
तेल से लेकर टेलीकॉम तक तमाम सेक्टरों में सक्रिय कंपनी का शेयर बढ़ने से इसका एम-कैप मुंबई शेयर बाजार के शुरूआती कारोबारी सत्र में गुरुवार को 10.02 लाख करोड़ रुपये हो गया। बीएसई में कंपनी का शेयर 0.73 फीसदी बढ़कर 1581.25 पर पहुंच गया। इसके साथ ही उसका एम-कैप 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। हालांकि बाद में शेयर की कीमत थोड़ी घटने से एम-कैप 10 लाख करोड़ रुपये से नीचे 9,99,368.41 करोड़ रुपये पर आ गया।
रिलायंस में इस साल 41 फीसदी तेजी
पिछले कई कारोबारी सत्रों के दौरान कंपनी का एम-कैप 10 लाख करोड़ रुपये के आसपास घूम रहा था। इस साल के दौरान कंपनी का शेयर करीब 41 फीसदी बढ़ चुका है। इसके शेयर में मूल्य वृद्धि सेंसेक्स के मुकाबले बहुत अच्छी रही है। इस दौरान सेंसेक्स में 13.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कंपनी का एम-कैप अगस्त 2018 में 8 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था।
देश की दूसरी कीमती कंपनियां ये भी
वैल्यूएशन के मामले में टीसीएस देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। उसका एम-कैप 779,708.02 करोड़ रुपये है। इस मामले में एचडीएफसी बैंक 696,494.75 करोड़, हिंदुस्तान यूनीलिवर 449,252.62 करोड़ और एचडीएफसी 399,599.38 करोड़ रुपये पर है। कंपनियों का एम-कैप उनके शेयर मूल्य के अनुसार हर दिन और हर पल बदलता रहता है।
ग्लोबल स्तर पर रिलायंस बहुत पीछे
अगर रिलायंस इंडस्ट्री के एम-कैप की ग्लोबल स्तर पर तुलना करें तो यह बहुत पीछे है। इसका एम-कैप 140 अरब डॉलर बैठता है। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल 1000 अरब डॉलर यानी एक ट्रिलियन डॉलर एम-कैप पाने वाली कंपनी बनी थी। इसका वैल्यूएशन अभी 961 अरब डॉलर है। इसके अलावा पेट्रो चायना और माइक्रोसॉफ्ट ने एक ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ था। रिलायंस से ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनियों की बात करें तो 140 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाली 100 से ज्यादा कंपनियां हैं।
बीएसई में भी तेजी जारी
बीएसई सेंसेक्स 90 अंकों की तेजी के साथ 41110 पर है जबकि एनएसई निफ्टी 35 अंकों की बढ़त के साथ 12136 के स्तर पर दर्ज किया गया।