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सेंसेक्स साढ़े तीन महीने के निचले स्‍तर पर, रुपया कमजोर

शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 297 अंक टूटकर साढ़े तीन महीने के निम्न स्तर 27,437.94 अंक पर बंद हुआ। यह 14 जनवरी के बाद का न्यूनतम स्तर है। पिछले आठ कारोबारी दिनों में सेंसेक्स सात दिन गिरा है।
सेंसेक्स साढ़े तीन महीने के निचले स्‍तर पर, रुपया कमजोर

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 93.05 अंक या 1.11 प्रतिशत गिरकर 8,305.25 पर बंद हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस की आय उम्मीद से कम रहने की खबर आने के बाद कंपनी का शेयर 6 फीसदी तक लुढ़क गया। इसका असर पूरे बाजार पर दिखाई पड़ा है। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर इंफोसिस का शुद्ध लाभ 4.7 प्रतिशत गिरा जबकि आय में 2.8 फीसदी की कमी आई है। 

शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए हैं। सेंसेक्स की शुरुआत मजबूती के साथ हुई थी, लेकिन दिन के कारोबार में ट्रेडर्स की भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स ने 27357 का निचला स्तर छुआ था। वहीं, निफ्टी 93 अंको के दबाव के साथ 8305 के स्तर पर बंद हुआ है। आज के कारोबारी सत्र में दिग्गज शेयरों में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, सिप्ला, इंडसइंड बैंक, यस बैंक, वेदांता, हिंडाल्को, एलएंडटी, एमएंडएम, विप्रो, कोल इंडिया, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक सबसे ज्यादा 6-2 फीसदी तक गिरकर बंद हुए हैं। जानकारों का मानना है कि इस गिरावट के बाद चुनिंदा शेयरों के वैल्युएशन काफी आकर्षक हो गए हैं। ऐसे में अगर निवेशक इन शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करते हैं तो मध्यम से लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है।

 

क्‍या है गिरावट की वजह 

टैक्‍स को लेकर सरकार के स्पष्टीकरण के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों के भारतीय बाजार से हाथ खींचने, कंपनियों के कमजोर नतीजे और मानसून सामान्य से कम रहने की आशंका को शेयर बाजार की हालिया गिरावट की वजह माना जा रहा है। दोहरे कर से बचाव संधि को लेकर विदेशी निवेशकों की चिंता से भी निवेश की धारणा प्रभावित हुई है। इसके अलावा डाॅलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का भी पड़ा है। गौरतलब है कि कारोबार के दौरान रुपया भी तीन महीने के निम्न स्तर 63.60 पर आ चुका है। 

 
कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक, कंपनियों के अब तक आए नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं और ग्लोबल मार्केट की चिंताएं अभी बनी हुई हैं। एफआईआई निवेशक घरेलू बाजारों की दिक्कतों के साथ ही पुराने ट्रांजैक्शन पर मिले टैक्स नोटिस से खासे परेशान हैं। लिहाजा महंगे वैल्यूएशन वाले शेयरों में मौजूदा स्तरों से गिरावट की आशंका है।

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