कोरोना वायरस के खौफ और कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट के चलते सोमवार को दुनियाभर के शेयर बाजार बड़ी गिरावट की चपेट में आ गए। भारत में बीएसई का सेंसेक्स खुलते ही 1,500 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया, तो एनएसई के निफ्टी में 400 अंकों से अधिक की गिरावट रही। दिन बढ़ने के साथ गिरावट भी बढ़ती गई। दोपहर 1.30 बजे सेंसेक्स 6.15 फीसदी यानी 2,467 अंक और निफ्टी 649 अंक तक गिर चुके थे। यह भारतीय शेयर बाजारों की अब तक की सबसे बड़ी इंट्रा-डे गिरावट है। ट्रेडर्स का कहना है कि कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के कारण दुनियाभर के निवेशकों में चिंता समा गई है। कच्चे तेल के दाम में अचानक आई गिरावट से भी अफरा-तफरी मची है।
मार्च में बीएसई का मार्केट कैप 9.43 लाख करोड़ रुपये घटा
दोपहर बाद भारतीय बाजारों में निचले स्तर पर बाजार में कुछ खरीदारी हुई और इंडेक्स में सुधार देखने को मिला। दिन के अंत में सेंसेक्स 5.17 फीसदी यानी 1,941.67 अंक गिरकर 35,634.95 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 में 4.9 फीसदी यानी 538 अंकों की गिरावट रही, और यह 10,451.45 पर बंद हुआ। शुक्रवार को बीएसई 893.99 अंक और निफ्टी 279.55 अंक गिरकर बंद हुए थे। सोमवार को बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब सात लाख करोड़ रुपये घट गया। मार्च के छह कारोबारी दिनों में अब तक मार्केट कैप में 9.43 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट
शेयरों के लिहाज से देखें तो सेंसेक्स के 30 शेयरों में से ओएनजीसी में सबसे ज्यादा 16.26 फीसदी की गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 12.35 फीसदी गिरावट रही, जो एक दशक का रिकॉर्ड है। हालांकि एसबीआई द्वारा निवेश की संभावना के बाद यस बैंक में 31.17 फीसदी का उछाल देखने को मिला। सेक्टर के हिसाब से देखें तो निफ्टी के मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा 7.72 फीसदी, मीडिया में 6.67 फीसदी, पीएसयू बैंक में 6.07 फीसदी की गिरावट रही।
दूसरे एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट
भारत के अलावा अन्य एशियाई शेयर बाजारों में चीन के शांघाई इंडेक्स में 3.01 फीसदी, हांगकांग के हैंगसेंग में 4.23 फीसदी, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 3.89 फीसदी और जापान के निक्केई में 5.07 फीसदी गिरावट दर्ज हुई। ऑस्ट्रेलियाई बाजारों में गिरावट सात फीसदी से ज्यादा थी।
ब्रेंट क्रूड के दाम 30 फीसदी गिरकर 31.02 डॉलर प्रति बैरल रह गए
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग घट रही है। इसके चलते इसके दाम में भी गिरावट आई है। इसके अलावा क्रूड के सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब ने प्राइस वार की घोषणा कर दी है, जिससे सोमवार अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड के दाम 30 फीसदी गिरकर 31.02 डॉलर प्रति बैरल रह गए। यह 12 फरवरी 2016 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है।