चुनाव नतीजों के शोर में शेयर बाजार में छोटे निवेशक को फायदा मिलने की उम्मीद ही करते रह गए जबकि संस्थागत और बड़े निवेशक कारोबारी सत्र के दौरान ही तेजी का फायदा उठाकर निकल लिए। शेयर बाजारों में दोपहर तक जोरदार तेजी का रुख रहने के बाद शाम को मुनाफावसूली निकलने से गिरावट के साथ बंद हो गए। हालांकि बाजार के जानकार आगे बाजार में आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज होने की उम्मीद में अच्छी तेजी की उम्मीद कर रहे हैं। मॉर्गन स्टेनले ने जून 2020 तक मुंबई शेयर सूचकांक 45,000 के अंक पर पहुंचने की उम्मीद जताई है।
नई ऊंचाई छूने के बाद बाजार लुढ़का
दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 40,000 का आंकड़ा पार कर कर गया। निफ्टी भी 12,000 के स्तर के ऊपर निकल गया। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता की आशंका पूरी तरह खत्म होने के बाद निवेशकों ने न सिर्फ इस मुद्दे से अपना ध्यान हटा लिया बल्कि बाजार से मुनाफावसूली करने में भी भलाई समझी। इस वजह से सेंसेक्स 299 अंकों की गिराववट के साथ 38,811 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी भी 81 अंक गिरकर 11,657 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स में करीब 1100 और निफ्टी में 300 अंकों की उठापटक दर्ज की गई।
मुनाफावसूली से शाम तक गिरावट तेज
कारोबार के दौरान सबसे ज्यादा तेजी इंडसइंड बैंक में देखी गई। इसका शेयर 5.23 फीसदी बढ़ गया। इसके अलावा हीरो मोटोकॉर्प, कोल इंडिया, यस बैंक, पावर ग्रिड, आइसीआइसीआइ बैंक, एचसीएल, एलएंडटी, कोटक महिंद्रा बैंक और भारती एयरटेल में 1.56 फीसदी की तेजी रही। दूसरी ओर वेदांता, आइटीसी, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, टाटा स्टील, टीसीएस, ओएनजीसी, और इन्फोसिस में 5.53 फीसद की गिरावट रही।
सुबह बाजार पहुंचा था नई ऊंचाई पर
बाजारों के शुरुआती कारोबार में पहली बार बीएसई का सेंसेक्स 40 हजार का आंकड़ा पार कर गया था। एनएसई का निफ्टी सूचकांक भी पहली बार 12 हजार के ऊपर निकल गया। बीएसई सूचकांक करीब 800 अंकों की तेजी पाकर 40,124 पर दर्ज किया गया। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी करीब 300 अंकों की बढ़त के साथ 12,029 पर पहुंच गया।
मजबूती के बाद रुपया लुढ़का
शेयर बाजार के साथ ही मुद्रा बाजार में भी मजबूती के बाद गिरावट आ गई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे गिरकर 70.04 पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल में भी नरमी रही।
ग्लोबल फंडों का निवेश बढ़ने की संभावना
बाजार के रुख पर रिलायंस सिक्योरिटीज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर तथा सीईओ बी. गोपकुमार ने कहा कि हम त्रिशंकु संसद के बजाय स्थिर, मजबूत और निर्णायक नेतृत्व देख रहे हैं। इससे बाजार ने नई ऊंचाई छुई। हमें उम्मीद है कि ग्लोबल फंडों की ओर से भारत में ज्यादा निवेश किया जाएगा। लघुकालिक स्तर पर हमें ईटीएफ में ज्यादा पैसा आने की उम्मीद है।
अनिश्चितता खत्म, जारी रहेंगे सुधार
एनविजन कैपिटल के नीलेश शाह ने कहा कि अगर एक्जिट पोल के संकेतों के अनुरूप नतीजे रहते हैं तो राजनीतिक अस्थिरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी। स्थिरता के दौर में आर्थिक सुधार आगे बढ़ेंगे जिससे कंपिनयों को फायदा मिलेगा। हालांकि लघुकालिक स्तर पर मुनाफावसूली निकलने से बाजार में गिरावट आ सकती है। लेकिन बाजार का भविष्य स्पष्ट है।
भारत सुपर पावर बनने की राह पर
मोती लाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीएमडी मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि यह न सिर्फ बाजारों बल्कि समूचे देश के लिए नई शुरुआत है। भारत सुपर पावर बनने की राह पर है जो दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
स्मॉल और मिड कैप में रह सकती है तेजी
कैपिटल एम के रिसर्च प्रमुख रोमेश तिवारी ने कहा कि भाजपा की जीत के संकेतों से बाजार नई ऊंचाइयां छूने को तैयार है। सेंसेक्स 41,500 और निफ्टी 12,300 का स्तर पार कर सकता है। बड़ी कंपिनयों के बजाय मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में तेजी खासी दिलचस्प होगी।
सरकार नीतियों पर फोकस करेगीः मॉर्गन
मॉर्गन स्टेनले की रिपोर्ट के अनुसार पूंजी बाजार ने सरकार की स्थिरतत और नीतिगत निरंतरता के लिहाज से राहत की सांस ली है। उम्मीद है कि महंगाई नियंत्रण, वित्तीय स्थिरता, बुनियादी ढांचे पर व्यय, एफडीआइ जैसे मसलों पर सरकार फोकस करेगी।
पिछले पांच में कमाई हुई दोगुनी
विश्लेषकों का कहना है कि मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान निवेशकों को 75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कराई। इस दौरान सेंसेक्स में 61 फीसदी की तेजी आई। 16 मई 2014 से सेंसेक्स 14,689 अंक बढ़ गया। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपिनयों का बाजार पूंजीकरण 75 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 150 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस तरह बाजार पूंजीकरण दोगुने ज्यादा हो गया।
भारत की रेटिंग नीतियों से तय होगीः मूडीज
मूडीज ने गुरुवार को कहा है कि क्रेडिट रेटिंग के लिहाज से भारत के प्रति उसका नजरिया नई सरकार की नीतियों पर निर्भर होगा। उसने उम्मीद जताई कि सरकार वित्तीय घाटा कम करने और अनुशासन लाने के लिए प्रयास करेगी। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस के वाइस प्रेसिडेंट (सोवरेन रिस्क) विलियम फोस्टर ने कहा कि आम चुनाव के बाद क्रेडिट रेटिंग पर असर नई सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों के आधार पर होगा।