देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। इसके साथ ही पूरे वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की समान तिमाही में 6.2 प्रतिशत थी।
हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तुलना में मार्च तिमाही की वृद्धि रफ्तार में नरमी आई है। दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 8.6 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ी थी।
जीडीपी निश्चित अवधि में देश की भौगोलिक सीमा के भीतर उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी।
एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी।
आर्थिक मोर्चे पर भारत के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 प्रतिशत रही है।