महानायक अमिताभ बच्चन ने उत्तर प्रदेश सरकार से यश भारती पुरस्कार से सम्मानित होने के नाते उनको, उनकी पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन को मिलने वाली 50.000 रुपये की मासिक पेंशन को लेने से इनकार करते हुए सरकार से उसे जरूरतमंदों के लिए खर्च करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को यश भारती पुरस्कार और केंद्र के पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाली हस्तियों को 50,000 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा की थी। बच्चन परिवार के इन तीनों सदस्यों को प्रदेश का यश भारती पुरस्कार मिल चुका है। जिसके तहत अमिताभ, जया और अभिषेक बच्चन भी हर महीने पेंशन के रूप में 50,000रु पाने के हकदार हो गए हैं।
अखिलेश यादव की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर चले बवाल के बाद मूल रूप से इलाहाबाद से संबंध रखने वाले 73 वर्षीय अमिताभ ने मीडिया के सामने आकर पेंशन की रकम लेने से इनकार करते हुए कहा, मैं उत्तर प्रदेश सरकार के यश भारती अवार्ड प्राप्त करने वाले को 50,000 रूपये प्रति माह पेंशन देने के निर्णय का सम्मान करता हूं। मैं बहुत विनम्रता से उत्तर प्रदेश सरकार से मेरे परिवार को मिलने वाली संपूर्ण राशि को परोपकार से जुड़ी किसी योजना या गरीबों एवं जरूरतमंदों की बेहतरी के लिए खर्च करने का आग्रह करता हूं। साथ ही उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री को अलग से इस बाबत लिखूंगा।
प्रदेश में यश भारती पुरस्कार की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही की थी। पहले साल यह सम्मान डॉ. हरिवंश राय बच्चन, अमिताभ बच्चन और जया बच्चन को दिया गया था। अभिषेक बच्चन को 2006 में यह पुरस्कार दिया गया था। यह पुरस्कार कला, संस्कृति, खेल, साहित्य, चिकित्सा, पत्रकारिता और समाजिक सेवाओं से जुड़े राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है।