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फिल्म: उत्तर दक्षिण संगम

पठान की जबरदस्त सफलता के बाद सबकी निगाहें शाहरुख खान की अगली फिल्म जवान पर है, जो इसी साल जून में रिलीज...
फिल्म: उत्तर दक्षिण संगम

पठान की जबरदस्त सफलता के बाद सबकी निगाहें शाहरुख खान की अगली फिल्म जवान पर है, जो इसी साल जून में रिलीज होगी। इस फिल्म की खास बात यह है कि इससे दक्षिण भारतीय फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री नयनतारा का बॉलीवुड में प्रवेश हो रहा है। यह भी महत्वपूर्ण है कि जवान में तमिल फिल्मों के बहुचर्चित अभिनेता विजय सेतुपति भी काम कर रहे हैं, जो अभी-अभी शाहिद कपूर की वेब सीरीज फर्जी में दिखे हैं। जवान के रिलीज होने से पहले सलमान खान की फिल्म, किसी का भाई किसी की जान इस वर्ष अप्रैल में ईद के अवसर पर आएगी। इस फिल्म से तेलुगु फिल्म के दिग्गज वेंकटेश दग्गुबती की हिंदी फिल्मों में वापसी होगी। वेंकटेश ने 1993 में करिश्मा कपूर के साथ अनाड़ी से हिंदी फिल्मों में अपनी पारी शुरू की थी लेकिन फिल्म के सुपरहिट होने के बावजूद वे एक-दो हिंदी फिल्मों के बाद बॉलीवुड में नहीं दिखे। तीन दशक बाद वे फिर हिंदी दर्शकों को परदे पर दिखेंगे, वह भी सलमान जैसे सुपरस्टार के साथ। हालांकि उससे पूर्व वेंकटेश अपने भतीजे राणा दग्गुबाती के साथ नेटफ्लिक्स की सीरीज राणा नायडू में आ रहे हैं। यह मशहूर अमेरिकन सीरीज रे डोनोवन (2013) का भारतीय रूपांतरण है, जिसका हिंदी ट्रेलर आजकल चर्चा में है।

मलयालम फिल्मों के दिग्गज पृथ्वीराज सुकुमारन भी अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की निर्माणाधीन फिल्म बड़े मियां छोटे मियां में दिखेंगे। विजय सेतुपति जवान के अलावा संतोष सिवन की हिंदी फिल्म मुंबईकर में विक्रांत मैसी और कटरीना कैफ के साथ मेरी क्रिसमस में काम कर रहे हैं। उनके अलावा, राम चरण कियारा आडवाणी के साथ विश्वम्भर में दिखेंगे।

 

दक्षिण भारतीय फिल्मों के अभिनेताओं का हिंदी फिल्मों में काम करना नई घटना नहीं है, लेकिन आजकल बॉलीवुड में इन्हें तवज्जो दी जा रही है। तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों के कई अभिनेता हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज में काम कर रहे हैं। प्रभाष, विजय देवराकोंडा, दलकीर सलमान और राम चरण जैसे अभिनेता तो मुख्य भूमिकाओं में दिख रहे हैं, तो कुछ लोकप्रिय अभिनेताओं को शाहरुख और सलमान जैसे बड़े सितारों की फिल्मों में तड़के की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में एस एस राजामौली की बाहुबली जैसी फिल्मों के पूरे देश में सुपरहिट होने से भारतीय सिनेमा में उत्तर-दक्षिण का फासला मिटा है। पिछले कुछ महीनों में पुष्पा (2021), आरआरआर (2022), केजीएफ चैप्टर 1 (2018) चैप्टर 2 (2022), कांतारा (2022) और पोन्नियिन सेलवन (2018) के अखिल भारतीय स्तर पर सुपर हिट होने से अब बॉलीवुड में दक्षिण भारतीय अभिनेताओं को साइन करने कि होड़ दिख रही है। पुष्पा के हीरो और तेलुगू फिल्म के सुपरस्टार अल्लु अर्जुन को हिंदी फिल्मकार मुंहमांगी रकम देने को तैयार हैं। तेलुगू फिल्म के ही दूसरे सुपरस्टार महेश बाबू के पास भी हिंदी फिल्मों के ऑफर की भरमार है। जो भी दक्षिण भारतीय कलाकार हिंदी फिल्मों में काम करने के इच्छुक हैं, बॉलीवुड के निर्माता पलक-पांवड़े बिछाए खड़े हैं।

अनजाने नहीं रहे अब दक्षिण के कलाकार

 

हाल के वर्षों में साउथ की कई फिल्मों के रीमेक और डब संस्करणों ने ताबड़तोड़ कमाई की और इस मिथक को तोड़ा कि दक्षिण भारतीय कलाकारों को उत्तर भारतीय दर्शक स्वीकार नहीं करते। हाल के दिनों में लाइगर (2022) से विजय देवरकोंडा और नाग चैतन्य ने आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा (2022) से हिंदी फिल्मों में अपने करियर का आगाज किया।

 

हालांकि ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ बॉलीवुड में ही हो रहा है। राजामौली की बहुचर्चित फिल्म आरआरआर में अजय देवगन और अलिया भट्ट ने काम किया जबकि केजीएफ चैप्टर 2 में संजय दत्त और रवीना टंडन दिखे।

 

गौरतलब है कि अस्सी के दशक में हिंदी फिल्मों में जब रजनीकांत का अंधा कानून (1984) से पदार्पण हो रहा था तो उनमें अमिताभ बच्चन ने छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने फिल्म को सुपरहिट बनाने में मदद की थी। लेकिन आज बदले हालात में बॉलीवुड के सुपरस्टारों को भी अपना दबदबा बरकरार रखने के लिए दक्षिण के कलाकारों की जरूरत महसूस हो रही है।

 

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