मणि रत्नम अपनी फिल्म "दिल से" बना रहे थे। शाहरूख खान, मनीषा कोइराला, प्रीती जिंटा फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। गीत लेखन गुलजार का था जबकि संगीत निर्माण की जिम्मेदारी ए आर रहमान की थी। फिल्म के संवाद तिग्मांशु धूलिया लिख रहे थे।
संगीत निर्माण के दौरान गानों की रिकॉर्डिंग चल रही थी। फिल्म के गीतों को आवाज देने के लिए उदित नारायण, सुखविंदर सिंह, लता मंगेशकर जैसी महान विभूतियों को साइन किया गया था। मणि रत्नम और ए आर रहमान की कोशिश थी कि फिल्म का संगीत बेहतरीन हो।
फ़िल्म के एक गीत "जिया जले" का निर्माण चल रहा था। यह गीत लता मंगेशकर गाने वाली थीं। संगीत निर्माण के वक़्त ए.आर रहमान ने इस गीत में ऊंचे स्वर रखे थे।जब इस गीत को गाने के लिए लता मंगेशकर माइक पर आईं तो अपनी बढ़ती उम्र के चलते उन्हें ऊंचे स्वर में गाने से कुछ तकलीफ़ महसूस हुई।यह बात ए आर रहमान ने भांप ली। उन्होंने फ़ौरन गीत में कुछ बदलाव ऐसे किए कि किसी को ज्यादा महसूस भी नहीं हुआ और लता मंगेशकर के लिए गाना बेहद सहज हो गया।यह रहमान की कलाकारी ही थी कि इस बदलाव के बाद भी यह गीत बेहद ख़ूबसूरती से रिकॉर्ड हुआ और इसने ख़ूब लोकप्रियता पाई।