मशहूर गायक लकी अली का नया गीत "मोहब्बत जिंदगी" रिलीज हो गया है। गीत लकी अली के यूट्यूब चैनल और विभिन्न ऑडियो प्लेटफॉर्म पर संगीतप्रेमियों के लिए उपलब्ध है। बीते दिनों लकी अली ने शेयरचैट मौज एप से हुई गुफ्तगू के दौरान अपने नए गीत और संगीत के सफर के बारे दिल खोलकर बातचीत की। लकी अली "ओ सनम", " ना तुम जानो न हम", "कितनी हसीन जिंदगी है", "जाने क्या ढूंढता है ये मेरा दिल" जैसे जीवन से भरे गीतों के कारण जाने जाते हैं।
लकी अली भारतीय संगीत के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। नब्बे के दशक में उन्होंने अपने संजीत से विशेष पहचान बनाई। लकी अली ने अपनी तरह का संगीत बनाया, जो रूह में उतरता है। लकी अली की आवाज और संगीत प्रचलित संगीत से अलग था। इसी कारण उन्हें संघर्ष करना पड़ा। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपने हुनर, समर्पण, ईमानदारी की बदौलत अपना मुकाम हासिल किया।
हिंदी सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन महमूद अली के सुपुत्र लकी अली ने शेयरचैट मौज के साथ इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान अपने नए गीत "मोहब्बत जिंदगी" को लेकर बातचीत की। लकी अली ने कहा "कोरोना महामारी में हम सभी एक त्रासदी के साक्षी बने हैं। हम सभी ने अपनों को खोया है। हम सभी की जिंदगी में एक निराशा है, दुख है। हमें उम्मीद, हिम्मत, हौसले की सख्त ज़रूरत है। मोहब्बत से बड़ी उम्मीद कुछ भी नहीं है। मोहब्बत हर सकारात्मकता का स्त्रोत है। इसलिए मैंने "मोहब्बत जिंदगी" गीत का निमार्ण किया। गीत निर्माण की प्रक्रिया के विषय में बताते हुए लकी अली ने कहा "गीत निर्माण बहुत कठिन नहीं था, मैंने बस वह महसूस करने की कोशिश कि जो एक आम आदमी, सवालों और तकलीफों से भरी इस दुनिया में महसूस करता है, चाहता है"। लकी अली ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा रोमांच गोवा की खूबसूरत लोकेशन्स को देखना और जीना था।
गीत का लिंक :
लकी अली ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा "दुनिया में हर संगीत सात सुरों से बनता है। मैं जब भी संगीत बनाता हूं तो कोशिश करता हूं कि किसी तरह से गीत में आँठवा सुर पैदा कर दूं। यह सुर मौन,सुकून का होता है, जो गीत में अलग भी रूहानियत पैदा करता है। इससे मोक्ष जन्म लेता है।तब गीत रूह से रूह तक पहुंचता है"। लकी अली ने कहा कि वह खुद को बेसुरा मानते हैं। उन्होंने संगीत की तालीम नहीं ली है इसलिए उन्हें इस बात की गलतफहमी नहीं है कि वह सुरीले हैं। हां उन्हें यह ज़रूर यकीन है कि कोई भी काम दिल से किया जाए तो उसमें विश्वास पैदा होता है। लकी अली को अपने संगीत पर भरोसा है, वह दिल से संगीत बनाते हैं और यही उनके गीतों में सम्मोहन शक्ति का संचार करता है। अपने संगीत के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में लकी अली ने कहा कि वह पुरानी शराब की जगह खुद को अचार की तरह देखते हैं। जैसे समय के साथ अचार का जायका बढ़ता जाता है और यह भोजन में एक अलग स्वाद पैदा करता है, वैसे ही मेरा संगीत समय के साथ लोगों की एकरस और एकरंगी जिंदगी में रंग घोलने का काम करता था।
लकी अली ने गानों की शूटिंग के साथ जुड़े अनुभवों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा "मुझे गानों की शूटिंग की प्रक्रिया सहज नहीं लगती। यही कारण है कि मैं फिल्मों से एक्टिंग से दूर रहता हूं। दरअसल जब आप गानों को रिकॉर्ड करते हैं तो आपके और गाने के बीच कोई नहीं होता। आप गाने में डूब जाते हैं। आपका रोम रोम गाने को महसूस करता है। आप स्वतंत्र होते हैं, बेपरवाह होते हैं। यह गानों की शूटिंग के दौरान नहीं होता। आप पर हर समय नजर होती है। आप को हर समय परफेक्ट दिखना होता है। इस दबाव में आपकी मासूमियत, स्वाभाविक छवि दब जाती है"।
लकी अली ने बताया कि उनके पिता महमूद चाहते थे कि वह अभिनेता बनें। उन्होंने पिता के कहने पर कुछ फिल्में बतौर अभिनेता की। मगर उन्हें मजा हमेशा ही संगीतकारों, म्यूजिक अरेंजर्स के साथ आता था। वह हर दिन कई कई घंटे महान संगीतकारों की सोहबत में संगीत की बारीकियां सीखते हुए बिताते थे। लकी अली ने कहा कि उन्हें दूसरे व्यक्ति की बनाई धुन को ठीक वैसे ही बजाना कठिन महसूस होता है। इसलिए कि जिसने उस धुन को जन्म दिया होता है, उसकी भावना सबसे अधिक जुड़ी होती है रचना से। आप कोशिश कर सकते हैं लेकिन उसी शिद्दत और परफेक्शन के साथ धुन को नहीं बजा सकते।
युवा पीढ़ी को सलाह देते हुए लकी अली ने कहा कि युवाओं को अपनी आध्यात्मिक किताबों से जुड़ना चाहिए। जिंदगी की आपाधापी में यदि सुकून हासिल करना है तो आध्यात्म से जुड़ना होगा। तभी भीतर गहराई आएगी और जीवन खुशहाल होगा।