कनॉटप्लेस में हुई पत्रकार वार्ता में टीवी सीरियल आफिस-आफिस से चर्चा में आए पांडे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि टीवी और फिल्म दोनों का अपना महत्व है। टीवी की तासीर कहानी जैसी है तो फिल्म उपन्यास की तरह। उन्होंने कहा- फिल्म घर घर जा कर बिजली, टीवी, रेडियो वगैरह का काम करते हुए एक छोटी-सी दुकान चलाने वाले इलेक्ट्रीशियन के वास्तविक जीवन से प्रेरित है। इस फिल्म में यों तो मनोज जी कर्मठता की वजह से बड़े-बड़े कलाकारों का जमावड़ा है लेकिन रियल हीरो प्रकाश का किरदार ही है।
निर्देशक मनोज शर्मा समेत पूरी टीम ने पांडे के कथन से सहमति जताई। मनोज ने फिल्म की प्रेरणा से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि दरअसल, इस फिल्म का मुख्य चरित्र हेमंत के एक पुराने इलेक्ट्रीशियन दोस्त के जीवन से प्रेरित हो कर ही रचा गया है। यहां तक हीरो का नाम प्रकाश भी उसी के नाम पर रखा गया है। और फिल्म का टाइटल उसकी दुकान प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक पर ही है। हीरोइन ऋशिता भट्ट (बरखा) ने बताया कि उनका किरदार एक अदाकारा लड़की का है जो उसी इलेक्ट्रीशियन के मोहल्ले में आ कर रहने लगती है। काम के सिलसिले में आते-जाते प्रकाश बड़े ही भोलेपन के साथ चाहतभरी निगाहों से उसे देखता है और उसे प्यार करने लगता है। उसके एकतरफा प्यार की हालत यह है कि किसी काम के लिए मैं ‘थैंक यू’ बोलती हूं तो वह ‘आई लव यू’ समझता है। बतौर नायिका यह मेरी पहली फिल्म है।
मनोज के मुताबिक रियल लाइफ के जेनुइन किरदार पर बनी यह फिल्म मुख्यतः एक इंटरटेनिंग और कॉमेडी बेस्ड पारिवारिक फिल्म है। निर्माता मिनीराज मोदी ने कहा कि फिल्म मछली जल की रानी के सेट पर सुनाई गई इस दो टूक स्टोरी पर बनी फिल्म में इमोशन में कॉमेडी का तड़का की परंपरा को तोड़ते हुए कॉमेडी में इमोशनल तड़का दिया गया है। असली ज़िंदगी के हीरो वाली यह फिल्म बिना अशालीन हुए शुरू से अंत तक आपको हंसाती रहती है। टीम के अनिल काबरा और रुद्रभानु प्रताप सिंह भी इस दौरान मौजूद रहे।