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गोवा फिल्म महोत्सवः सिनेमा के एंडलेस बार्डर्स

हर साल गोवा में सैलानियों के आने के मौसम की बुलंदी से ठीक पहले सिनेमा के शौकीनों का जमावड़ा लगता है।...
गोवा फिल्म महोत्सवः सिनेमा के एंडलेस बार्डर्स

हर साल गोवा में सैलानियों के आने के मौसम की बुलंदी से ठीक पहले सिनेमा के शौकीनों का जमावड़ा लगता है। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय के आयोजन में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दुनिया भर के फिल्मकार, कलाकार और बेहतरीन फिल्मों को देखने की आस लिए सैकड़ों दर्शक इस तटीय राज्य का रुख करते हैं। 20 नवंबर से शुरू हुए आठ दिवसीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण में भी ऐसा ही हुआ, जहां भारत सहित विश्व की चुनिंदा फिल्में दिखाई गईं। इस बार फारसी फिल्म एंडलेस बॉर्डर्स ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का गोल्डन पीकॉक पुरस्कार हासिल किया। जूरी ने निर्देशक अब्बास अमीनी की कहानी कहने की साहसपूर्ण कला की सराहना की। फिल्म अफगान सीमा के करीब ईरान के एक गरीब गांव में एक निर्वासित ईरानी शिक्षक अहमद की कहानी है। तालिबान के बढ़ते प्रभाव ने अफगानिस्तान में जातीय और आदिवासी युद्धों की आग को फिर भड़का दिया है। हजारों अफगान अवैध रूप से ईरान में प्रवेश करते हैं, जिन पर तालिबान का खतरा मंडराता रहता है। अहमद जब अफगानिस्तान के एक हजारा परिवार से परिचित होता है, तो उसे क्षेत्र में पूर्वाग्रह और हठधर्मिता का असली चेहरा दिखाई देता है। निषिद्ध प्रेम उसे आगे बढ़कर काम करने पर मजबूर करता है और उसे अपने जीवन में प्रेम और बहादुरी की कमी का पता चलता है। फिल्म पूर्वाग्रहों के बीच राजनीतिक और भावनात्मक सीमाओं को पार करते हुए प्रेम की शक्ति को चित्रित करती है।

गोल्डन पीकॉक पुरस्कार के लिए इस बार 12 अंतरराष्ट्रीय और 3 भारतीय फिल्मों सहित 15 फिल्मों के बीच प्रतिस्पर्धा थी। पुरस्कार में 40 लाख रुपये, प्रमाणपत्र और गोल्डन पीकॉक मेडल शामिल था। गोल्डन पीकॉक पुरस्कार दुनिया के प्रतिष्ठित फिल्म सम्मानों में से एक है। इस वर्ष की जूरी में भारतीय फिल्म निर्माता शेखर कपूर, स्पेनिश सिनेमैटोग्राफर जोस लुइस अल्काइन, फ्रांसीसी फिल्म निर्माता जेरोम पैलार्ड और कैथरीन डुसार्ट और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता हेलेन लीक जैसे सिनेमा उद्योग के दिग्गज शामिल थे। अध्यक्ष शेखर कपूर थे।

प्रतिस्पर्धी फिल्मों में वुमन ऑफ (मूल शीर्षकः कोबीटा जेड), द अदर विडो (मूल शीर्षक: पिलेगेश), द पार्टी ऑफ फूल्स (मूल शीर्षकः कैप्टिव्स), मेजर्स ऑफ मेन (मूल शीर्षक: डेर वर्मेसीन मेन्श), लुबो, हॉफमैन फेयरी टेल्स (मूल शीर्षक: स्काजकी गोफमाना), एंडलेस बार्डर्स (मूल शीर्षक: मरझाये बी पायन), डाई बिफोर डेथ (मूल शीर्षक: उमरी प्रीजे स्मृति), बोस्नियन पॉट (मूल शीर्षक: बोसान्स्की लोनाक), ब्लागा’ज लेसंस (मूल शीर्षक: यूरोटसाइट ना ब्लागा), असोग, एंड्रागोजी (मूल शीर्षक: बुडी पेकेर्टी) और तीन भारतीय फिल्में कंतारा, सना और मिरबीन शामिल थीं।

इसी फिल्म के लिए ईरानी अभिनेता पौरिया रहीमी सैम को उनकी भूमिका के लिए सर्वसम्मति से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है। जूरी ने अभिनेता का चयन ‘शूटिंग की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने सहयोगियों, बच्चों और वयस्कों के साथ भावपूर्ण अभिनय और प्रभावशाली संवाद के लिए किया है।’

बुल्गारिया के निर्देशक स्टीफन कोमांडेरेव ने धोखे के सामने नैतिक समझौते की एक दमदार पड़ताल करने वाली फिल्म ब्लागाज लेसन्स के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का सिल्वर पीकॉक पुरस्कार जीता। यह फिल्म ब्लागा नाम की एक विधवा पर केंद्रित है, जिसका नैतिक संतुलन टेलीफोन घोटालेबाजों का शिकार बनने के बाद हिल गया है। यह फिल्म कम्युनिस्ट शासन के बाद के बुल्गारिया में आज के वरिष्ठ नागरिकों के नाजुक जीवन पर प्रकाश डालती है। स्टीफन कोमांडेरेव एक महिला पात्र के माध्यम से शक्तिशाली और चौंकाने वाले सबक के बारे में बताते हैं। उस महिला किरदार को अपने लक्ष्यों को हासिल करने हेतु निर्णय लेना होता है और ऐसा करने के क्रम में वह अपने मूल्यों से समझौता करती है।

फ्रांसीसी अभिनेत्री मेलानी थिएरी को पार्टी ऑफ फूल्स के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के सिल्वर पीकॉक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। जूरी सदस्यों के अनुसार यह पुरस्कार ‘ऐसी अभिनेत्री को दिया गया है जिनकी अभिव्यक्ति का दायरा हमें उनके द्वारा निभाए गए चरित्र की उन्मादपूर्ण यात्रा में आने वाली आशा से लेकर निराशा तक की सभी भावनाओं को बेहद बारीकी से दर्शाता है।’ उनके चित्रण ने उस चरित्र की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा की आशा और निराशा की जटिल बुनावट को विविध भावनाओं के जरिए प्रदर्शित करते हुए अभिनय की बारीकी और गहराई से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की लगभग 15 फिल्मों की अभिनेत्रियों में से चुनी गई सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री को प्रदान किया जाता है। इसमें विजेता को 10 लाख रुपये, प्रमाण पत्र और सिल्वर पीकॉक मेडल से सम्मानित किया जाता है।

समीक्षकों द्वारा प्रशंसित भारतीय फिल्मकार ऋषभ शेट्टी को कांतारा के लिए विशेष जूरी पुरस्कार मिला है। यह फिल्म जंगल की संस्कृति पर आधारित है। संस्कृति और सामाजिक स्थिति भिन्न होने के बावजूद यह दर्शकों तक पहुंच बनाती है। दक्षिण कन्नड़ के काल्पनिक गांव पर आधारित यह फिल्म जंगल में रहने वाली जनजाति के सह-अस्तित्व पर है। जिसमें एक वन अधिकारी द्वारा बाधा उत्पन्न की जाती है। उसे लगता है कि जनजाति की कुछ प्रथाएं और अनुष्ठान प्रकृति मां के लिए खतरा है। वह उनके देवता के अस्तित्व पर सवाल उठाता है, जो उस धरती से जुड़ी परंपराओं और संस्कृति के साथ-साथ अहंकार की लड़ाई को जन्म देता है। नायक शिवा कंबाला महोत्सव का अव्वल आने वाला धावक है और वह शिकार, अवैध कटाई और वन के कीमती पेड़ों की बिक्री जारी रखने के कारण वन विभाग के लिए गंभीर खतरा है। शिव अपने अस्तित्व को समझकर गांव में शांति और सद्भाव बहाल कर पाएंगा यही इस फिल्म का सार है। समीक्षकों द्वारा प्रशंसित और कांतारा के लिए विख्यात ऋषभ कई पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। इस पुरस्कार में सिल्वर पीकॉक, 15 लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।

एक होनहार फिल्मकार रेगर आजाद काया को व्हेन द सीडलिंग्स ग्रो के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म निर्देशक का पुरस्कार मिला है। जूरी का कहना है कि यह फिल्म छोटी-छोटी घटनाओं के माध्यम से हमें एक पिता, बेटी और एक खोए हुए लड़के के जीवन की एक दिन की कहानी सफलतापूर्वक दिखाती है। पात्रों के साथ-साथ यह एक देश और उसके दुखों की अंतरंग कहानी है। अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा शॉर्टलिस्ट की गई फिल्मों के निर्देशकों में से चुने गए डेब्यू डायरेक्टर को दिए जाने वाले इस पुरस्कार का उद्देश्य विश्व सिनेमा में सबसे होनहार नई निर्देशकीय प्रतिभा को मान्यता देना और प्रोत्साहित करना है।

एंथनी चेन द्वारा निर्देशित फ्रेंच, ब्रिटिश और ग्रीक सह-निर्माण से बनी फिल्म ड्रिफ्ट को प्रतिष्ठित आइसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक से नवाजा गया। जूरी के अनुसार यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे जीवन की अनिश्चितताओं से गुजरने के दौरान किसी के साथ अनचाहे बंधन में बंध जाते है और यह आशा और सौम्यता का भाव जगाता है।

इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कार की शुरुआत की गई। दीपक कुमार मिश्रा द्वारा निर्देशित पंचायत सीजन 2 ने हाल में शुरू हुए सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) का पुरस्कार प्राप्त किया। यह सीरीज एक इंजीनियरिंग स्नातक के जीवन का वर्णन करती है, जो नौकरी के बेहतर विकल्पों की कमी के कारण उत्तर प्रदेश के सुदूर काल्पनिक गांव फुलेरा में पंचायत सचिव के रूप में सेवा में शामिल होता है।

समापन समारोह में प्रसिद्ध हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस को प्रतिष्ठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला। पुरस्कार प्राप्त करते हुए माइकल डगलस ने कहा, “लाइफटाइम अचीवमेंट प्राप्त करना एक उत्कृष्ट सम्मान है।”

दो बार के ऑस्कर विजेता इस अभिनेता ने सिनेमा की वैश्विक भाषा और विस्तार पर बात करते हुए कहा कि आइएफएफआइ फिल्म निर्माण की अदभुत क्षमता और समय, भाषा और भौगोलिक क्षेत्रों से परे सांस्कृतिक कलात्मक अभिव्यक्तियों का स्मरण कराता है। आरआरआर, ओम शांति ओम और लंच बॉक्स उनकी कुछ पसंदीदा भारतीय फिल्में हैं। इस अवसर पर अभिनेत्री और माइकल डगलस की पत्नी कैथरीन जेटा जोन्स को भी सम्मानित किया गया। अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए विशेष सम्मान मिला।

केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर भारत में विदेशी फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के खर्च को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की घोषणा की। जिसकी सीमा 2.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये से अधिक कर दी गई और महत्वपूर्ण भारतीय कंटेंट (एसआईसी) के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत बोनस का भी प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के आकार और विशाल क्षमता को देखते हुए मध्यम और बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता थी।

एनएफडीसी के एमडी और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (फिल्म) पृथुल कुमार के अनुसार, आइएफएफआइ दुनिया के 14 सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा फीचर फिल्म महोत्सवों में से एक है। यह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एफआइएपीएफ) से मान्यता प्राप्त है, जो विश्व स्तर पर फिल्म महोत्सवों का संचालन करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है। कान, बर्लिन और वेनिस जैसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव दरअसल ऐसे अन्य प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव हैं, जो इस श्रेणी के तहत एफआईएपीएफ से मान्यता प्राप्त हैं।

इस वर्ष आइएफएफआइ को 105 देशों से रिकॉर्ड संख्या में 2926 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रविष्टियां हैं। भारतीय पैनोरमा खंड में भारत की 25 फीचर फिल्में और 20 गैर-फीचर फिल्में प्रदर्शित की गई।

 

 

विजेता

 

सर्वश्रेष्ठ फिल्मः एंडलेस बार्डर्स (फारसी)

सर्वश्रेष्ठ निर्देशकः स्टीफन कोमांडेरेव (बुल्गारिया) ब्लागाज लेसन्स के लिए

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष)- ईरानी अभिनेता पौरिया रहीमी सैम (फारसी फिल्म एंडलेस बार्डर्स के लिए। निर्देशक अब्बास अमीनी)

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (महिला)- फ्रांसीसी अभिनेत्री मेलानी थिएरी। पार्टी ऑफ फूल्स के लिए

विशेष जूरी पुरस्कार- भारतीय फिल्म निर्माता ऋषभ शेट्टी। कांतारा के लिए

सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म - सीरियाई अरब गणराज्य के निर्माता रेगर आजाद काया। व्हेन द सीडलिंग्स ग्रो के लिए

आइसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक- एंथनी चेन द्वारा निर्देशित फ्रेंच, ब्रिटिश और ग्रीक सह-निर्माण से बनी फिल्म ड्रिफ्ट

सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार- प्रसिद्ध हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस

सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) - दीपक कुमार मिश्रा द्वारा निर्देशित पंचायत सीजन 2

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