8 अप्रैल भारत के मशहूर उपन्यासकार महर्षि बंकिमचंद्र चटर्जी की 128 वीं पुण्यतिथि है। इस विशेष दिवस के उपलक्ष्य में मशहूर लेखक और निर्माता राम कमल मुखर्जी और जी स्टूडियोज के भूतपूर्व प्रमुख सुजोय कुट्टी ने अपनीं खुबसूरत कलाकृती 1770 एक संग्राम के लिए के वी विजेद्र प्रसाद के साथ गठजोड़ किया है। यह कलाकृती चटर्जी की बहुचर्चित राष्ट्रवादी बंगाली उपन्यास आनंदमठ से प्रेरित कहानी है। यह फिल्म वंदे मातरम् के 150वें वर्ष को भी चिह्नित करती है जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत में स्वराज आंदोलन को गति दी थी। चटर्जी द्वारा अपनें उपन्यास आनंदमठ में यह गीत लिखा था, यह गीत 1872 में बंगदर्शन पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। इस विशालकाय प्रस्तुती का निर्माण एसएस 1 एन्टरटेन्मेंट के शैलेंद्र कुमार, पी के एन्टरटेन्मेंट्स के सुरज शर्मा द्वारा किया जा रहा है और उसें हिंदी, तमिळ और तेलुगू में एकसाथ प्रकाशित किया जा रहा है।
मशहूर लेखक के व्ही विजेंद्र प्रसाद ने कहा, “ जब सुजोय आनंदमठ के लिए मेरे पास आए तो मुझे आश्चर्य हुआ। मैंने यह उपन्यास कई साल पहलें पढ़ा था और मुझे यह लगता है की आज की पीढ़ी इस विषय के साथ नहीं जुड पाएगी। पर जब मैं राम कमल साथ मिला तो उन्होंने आनंदमठ पर अपना दृष्टिकोण समझाया, आनंदमठ के बारें में उनके अनोखे विचार हैं। यह विचार काफी पेशेवर और मानवता से जुड़ा हुआ था। दो या तीन बार मिलनें के बाद मैं अब इस विषय को संपूर्ण रूप से नए आयाम से देखते हुए उस पर काम करनें के लिए उत्साही हूं। आनंदमठ का पुर्ननिर्माण करना मेरे लिए सचमुच में एक विशाल चुनौती है।”
जी स्टुडिओ के भूतपूर्व प्रमुख सुजोय कुट्टी ने कहा “ हमें खुशी है हम इस क्लासिक को फिर से मिलने जा रहें है। वंदे मातरम का जादू को फिर से पर्दे पर लानें के लिए मैं उत्सुक हूं। मैंने विजेंद्र सर के साथ मणिकर्णिका के लिए काम किया है और हमनें अन्य दो अलग अलग प्रकल्पों में भी एकसाथ काम किया है। जब राम कमल ने 1770 एक संग्राम के लिए हमारे साथ संपर्क किया तो प्रकल्प की मात्रा और कार्य देखकर मेरे मन में विजेंद्र सर का नाम सामने आया। मुझे खुशी है की शैलेंद्र कुमार और सुरज शर्मा जैसे युवा निर्माताओं ने सचमुच के नायकों पर कथा लिख रहे है। जब हम कहानी के पहलें ड्राफ्ट को तैय्यार करेंगे तो हम हमारें कलाकारों का चयन करेंगे।”
मशहूर लेखक और फिल्म निर्माता कमल मुखर्जी के अनुसार, “मेरे लिए यह सपनों का प्रोजेक्ट है। मैं भारत के सबसे सेलिब्रेटेड कलात्मक टीम के साथ काम कर रहा हूं और दर्शकों के लिए एक सुंदर कलाकृती ले आऊंगा। मुझे लगता है कि आनंदमठ की कहानी बतानें का यह सही समय है। सन्यासियों की एक अनोखी कहानी जो ब्रिटीश राज के साथ लड़ा और स्वतंत्रता के बीज उन्होंने बोए। मुझे लगता है की इस कहानी को फिल्म के माध्यम से अलग पध्दती से दर्शाया जा सकता है।”
एसएस1 एंटरटेनमेंट के संगीतकार से निर्माता बने शैलेंद्र कुमार कहते हैं, "जब दादा (राम कमल) ने कहानी सुनाई, तो मुझे यकीन था कि मैं फिल्म का निर्माण करना चाहूंगा। मैं सूरज और उनके परिवार को जानता था, और हमने इस फिल्म में सहयोग करने का फैसला किया। विजयेंद्र सर के जादुई स्पर्श के साथ, इस फिल्म को समीक्षकों और व्यावसायिक दोनों रूप से सराहा जाएगा।"
इस मेगा बजट फीचर फिल्म को हैदराबाद, पश्चिम बंगाल और लंदन में चित्रित किया जाएगा। पी के एन्टरटेन्मेंट के युवा निर्माता सुरज शर्मा के अनुसार, “एक छात्र के रूप में मैं इस देशभक्ती पर आधारीत फिल्मों से प्रेरित हुआ हूं. मैं लगान, जोधा अकबर, बाजीराव मस्तानी और बाहुबली जैसे फिल्मे देखकर बड़ा हुआ हूं। मैंने बंकिंमचंद्र के साहित्य को स्कूलों में पढा है पर आनंदमठ मेरे पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं थी। इसलिए जब रामकमल सर ने मुझे कहानी बतायी तो मैं बहुत उत्साहीत हुआ। दुर्भाग्यवश लोग ऐसे दुर्लभ रत्नों को अपनें साहित्य से भूल चुकें हैं। मुझे यकीन है कि मैं एक ऐसी फिल्म के साथ निर्माता के रूप में शुरुआत करना चाहूंगा जो भारत की आत्मा से जुड़ेगी। मैं केवल 21 साल का हूं और मैं सुजोय कुट्टी, विजेंद्रसर और शैलेंद्र जी जैसे मशहूर कलाकारों के साथ जुड़कर 1770 एक संघर्ष को नए कलात्मक रुप में पेश कर रहा हूं।”
फिलहाल निर्माता मुम्बई और हैदराबाद के बीच फिल्मांकन करनें में व्यस्त है। मई महीने के अंत तक उनकी ओर से टीजर पोस्टर जारी किया जानें के आसार हैं। राम कमल नें कहा, “अक्टुबर 2022 से शूटिंग शुरू होनें की उम्मीद है और हमें निर्माण शुरू होनें से पहले की तैयारियों के लिए 120 दिनों की जरुरत है। यह काफी विशाल प्रकल्प है और उसके लिए काफी बड़ा बजट जरुरी होता है। इस फिल्म को पूर्ण करनें के लिए हमें डेढ़ साल का वक्त लगेगा।”