मद्रास उच्च न्यायालय ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा है कि ट्रांसजेंडर तीसरे लिंग के लिए विशेष आरक्षण के हकदार हैं। अदालत ने तमिलनाडु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव, चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई), चेन्नई और सचिव (चयन समिति), डीएमई को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता एस तमिलसेल्वी को तीसरे लिंग/ट्रांसजेंडर के रूप में माना जाए।
शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु विशेष श्रेणी अर्थात ट्रांसजेंडर श्रेणी जिसके लिए सचिव चयन समिति द्वारा वर्तमान मेधा सूची केवल महिला एवं पुरुष अभ्यर्थियों के लिए जारी की गई है।
न्यायमूर्ति आर सुरेश कुमार ने कहा कि तमिलसेल्वी के अलावा, यदि किसी अन्य ट्रांसजेंडर उम्मीदवार ने उक्त पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया है, तो सचिव द्वारा एक अलग श्रेणी की मेरिट सूची तैयार की जाएगी जिसमें केवल ट्रांसजेंडर उम्मीदवार होंगे। कोर्ट ने कहा, "यदि एक से अधिक उम्मीदवार उपलब्ध हैं, तो इंटर से मेरिट के आधार पर, उन ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाएगा।