उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) की याचिकाओं पर सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए टाल दी जिनमें उन्होंने उनके आयकर आकलनों को ‘सेंट्रल सर्कल’ में स्थानांतरित करने को चुनौती दी है। ‘सेंट्रल सर्कल’ पर कर वंचना की जांच का जिम्मा है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें राहत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर अभी तक नोटिस जारी नहीं किया गया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी भी शामिल थे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में औपचारिक नोटिस जारी करना ‘आवश्यक नहीं’ है, और जैसा कि अदालत द्वारा पहले संकेत दिया गया था कि आयकर विभाग कोई अंतिम आकलन आदेश नहीं पारित करेगा। संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, जवाहर भवन ट्रस्ट और यंग इंडियन ने भी ऐसी ही याचिकाएं दायर की हैं।
मेहता ने कहा, "हम यहां अदालत के समक्ष हैं। हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। नोटिस जरूरी नहीं है।" पीठ ने आयकर विभाग को सुनवाई की अगली तारीख 13 दिसंबर को संबंधित फाइल लाने को कहा। गांधी परिवार के सदस्यों, उनसे जुड़े ट्रस्ट और आप ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 मई के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आयकर विभाग द्वारा उनके आयकर आकलन को ‘सेंट्रल सर्कल’ में स्थानांतरित किए जाने के खिलाफ उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।
गांधी परिवार ने हथियारों के कारोबारी संजय भंडारी से जुड़े मामले पर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए उनके मामलों को ‘सेंट्रल सर्कल’ में स्थानांतरित करने के प्रधान आयुक्त (आयकर) के जनवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी थी।