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ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों पर चर्चा क्यों जरूरी, कांग्रेस ने कैसे बीजेपी को मजबूर किया

संसद का मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त 2025) ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के...
ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों पर चर्चा क्यों जरूरी, कांग्रेस ने कैसे बीजेपी को मजबूर किया

संसद का मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त 2025) ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान युद्धविराम दावों पर चर्चा का केंद्र बनने जा रहा है। ये मुद्दे राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की विदेश नीति से जुड़े हैं, इसलिए इन पर संसद में बहस बेहद जरूरी है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाकर बीजेपी को चर्चा के लिए मजबूर किया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 20 जुलाई 2025 को सर्वदलीय बैठक में कहा, "सरकार ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के दावों पर संसदीय नियमों के तहत जवाब देने को तैयार है।

चर्चा का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई 2025 को शुरू हुआ, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले (26 लोगों की मौत) का जवाब था। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 150 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में मध्यस्थता की, जिसे भारत ने खारिज करते हुए द्विपक्षीय बातचीत पर जोर दिया। ट्रंप का यह दावा भारत की संप्रभुता और विदेश नीति की स्वायत्तता पर सवाल उठाता है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "ट्रंप ने 66 दिनों में 23 बार दावा किया कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। यह देश की संप्रभुता पर धमकी है।" संसद में इस पर चर्चा जरूरी है ताकि सरकार की चुप्पी का सच सामने आए और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों की पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

कांग्रेस का दबाव

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने 19 जुलाई को वर्चुअल बैठक में रणनीति बनाई, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम हमले में खुफिया नाकामी और ट्रंप के दावों को प्रमुखता से उठाने का फैसला हुआ। राहुल गांधी ने विपक्षी एकता पर जोर देते हुए कहा, "बिखराव से सत्तापक्ष को फायदा होगा। हमें एकजुट होकर पीएम से जवाब मांगना होगा।" कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने पहलगाम हमले में आतंकियों के अब तक न पकड़े जाने और युद्धविराम के पीछे अमेरिकी दबाव पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) और विदेश नीति जैसे अन्य मुद्दों को जोड़कर सरकार पर दबाव बढ़ाया। सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक में 24 दलों ने एकजुट रणनीति बनाई, जिसने बीजेपी को चर्चा के लिए मजबूर किया।

बीजेपी की मजबूरी

शुरू में सरकार इन मुद्दों पर चुप थी, लेकिन विपक्ष के आक्रामक रुख और संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में 51 दलों की मांग ने बीजेपी को जवाब देने के लिए बाध्य किया। रिजिजू ने कहा, "हम सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन नियमों के तहत।" कांग्रेस की रणनीति ने बीजेपी को न केवल ऑपरेशन सिंदूर, बल्कि ट्रंप के दावों और खुफिया नाकामी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जवाब देने के लिए मजबूर किया, जिससे संसद में तीखी बहस की उम्मीद है।

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