बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों से पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सेंधमारी की आशंका को देखते हुए बिहार पहुंच गए हैं। एग्जिट पोल के नतीजे जो दिख रहे हैं, उसके बाद कांग्रेस सक्रिय हो गई है और उसने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बिहार भेज दिया है। बिहार पहुंचने वाले नेताओं में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और अविनाश पांडेय शामिल हैं। इन दोनों नेताओं को चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद के हालात में प्रबंधन की जिम्मेदारी देकर भेजा गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने कई राज्यों में चुनाव के बाद हुई सेंधमारी की कोशिशों से सबक लेते हुए यह कदम उठाया है।
बता दें कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को यानी कल (मंगलवार को) आने हैं।
कांग्रेस को आशंका है कि अगर एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार उन्हें सीटें मिली तो बीजेपी उसमें सेंध लगा सकती है। एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस को 25 से 28 सीटें मिलती दिख रही हैं। गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए बिहार पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटक दलों के साथ मिलकर जहां सरकार गठन में आपसी सामंजस्य बनाएंगे। वहीं इनकी जिम्मेदारी पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को बांधे रखने की भी होगी। कांग्रेस को आशंका है कि जैसे-जैसे महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आएंगे वैसे-वैसे सेंधमारी का खतरा बढ़ेगा। इस लिहाज से सावधानी में कोई कोर-कसर नहीं रहने देना चाहती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने पटना पहुंचने के बाद कहा कि जनता ने वोट सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए दिया है। एक्जिट पोल के जो नतीजे बताए जा रहे हैं महागठबंधन कहीं उससे से ज्यादा सीटों से प्रदेश में सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि जनता ने इस बार नौजवान, किसान का विरोध करने वाली बेरोजगारों को दर-दर भटकाने वाली सरकार के खिलाफ वोट किया है। गौरतलब है कि एग्जिट पोल के अनुमान यदि नतीजों में बदलते हैं तो महागठबंधन की सरकार बनना तय है।
बता दें कि बिहार में तीन चरणों में से पहले चरण में 53.54 प्रतिशत, दूसरे चरण में 54.05 प्रतिशत और तीसरे चरण में 57.91 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर बिहार की जनता ने किसके खाते में ज्यादा सीटें दी हैं।