बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सूबे की कानून व्यवस्था बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस बीच सीएम नीतीश ने कहा है कि निश्चित रूप से बिहार में कानून व्यवस्था जल्द और बेहतर होगी। राज्य में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर पूरी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है। एक-एक बिंदु पर डिटेल सर्वेक्षण हमलोग कर रहे हैं। विधि-व्यवस्था पर हम पूरी बात कर चुके हैं। पर, उसे वहीं तक छोड़ कर नहीं जाएंगे। हर चीज को हम देख रहे हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को अचानक सरकार पटेल भवन पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस के आलाधिकारियों के साथ बैठक की। एक महीने के भीतर विधि व्यवस्था पर यह उनकी चौथी बैठक थी।
मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय तथा आपदा प्रबंधन कार्यालय भवन का निरीक्षण किया। बैठक में मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में बने अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाएं। प्रशिक्षण की सारी व्यवस्था अकादमी के भीतर ही उपलब्ध करें। अकादमी परिसर में उपलब्ध प्राकृतिक जल संरचनाओं को अच्छी तरह से विकसित करें। यहां बनाए जा रहे फॉरेंसिक लैब को जल्द ही पूरी तरह से कार्यान्वित करें। फॉरेंसिक लैब में ट्रेनिंग के साथ पुलिस अनुसंधान के लिये जांच की भी व्यवस्था हो। बिहार में ही पुलिस के सभी तरह के विशिष्ट प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग के लिए स्थानों को चिन्हित करें। राज्य सरकार सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराएगी।
सीएम ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पुलिस आधुनिकीकरण के लिये विस्तृत योजना बनायें। केन्द्र सरकार से इस मद में मिलने वाली राशि के अलावा राज्य सरकार भी अपने मद से अतिरिक्त राशि देगी। मुख्यमंत्री ने सभी संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे जल्द से जल्द लगाएं। ताकि विधि व्यवस्था के संधारण में सहूलियत हो। बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण आलोक राज ने बताया कि भूमि सुधार एवं भूमि विवादों से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए पुलिस पदाधिकारियों को जनवरी में अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान, पटना में प्रशिक्षण दिया जाएगा।