कोविड से संबंधित निर्देशों के उल्लंघन पर दंड का मामला तूल पकड़ रहा है। झारखंड में विपक्षी पार्टी भाजपा इसे लगातार हवा दे रही है। जारी विरोध के बीच शनिवार को भाजपा ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर विरोध दर्ज कराया और फेस मास्क नहीं पहनने वाले को दो साल जेल और एक लाख रुपये जुर्माना संबंधी अध्यादेश को खारिज करने का आग्रह किया। बीते बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक कर कोविड से संबंधित निर्देशों के उल्लंघन करने पर अधिकतम दो साल जेल और एक लाख रुपये तक दंड का प्रावधान किया गया है।
दरअसल भाजपा फेस मास्क को ले उड़ी है। उसके बयान से जाहिर होता है कि मास्क नहीं पहनने पर ही दो साल जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बुधवार को कैबिनेट के बाद बताया था कि कोविड से संबंधित निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने और उल्लंघन पर दंड संबंधी कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं होने के कारण संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई है। राज्य में घर से बाहर निकलने पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने, अनावश्यक भीड़ नहीं लगाने, बाहर से आने वालों के लिए 14 दिन क्वारंटाइन, राज्य में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति जैसे निर्देश लागू हैं। मगर विपक्षी दल भाजपा सिर्फ मास्क को लेकर हमला बोल रही है मानो सिर्फ मास्क के लिए ही यह दंड का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश की मंजूरी के बाद उसके अनुपालन के लिए रेगुलेशन का निर्माण किया जाना है जिसमें किस तरह के मामले में कितना दंड होगा, शहरी इलाके और ग्रामीण इलाके के लिए क्या प्रावधान होगा स्पष्ट किया जाना है। संशय की स्थिति होने पर स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण के प्रधान सचिव की ओर से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया कि अध्यादेश में वर्णित प्रस्तावित दंड की अधिकतम सीमा है। रेगुलेशन के गठन का काम हो रहा है जिसमें यह स्पष्ट रूप से अंकित किया जायेगा कि किस प्रावधान के उल्लंघन पर कितनी राशि का दंड देना होगा। यह व्यावहारिक तथा अपराध की गंभीरता के हिसाब से होगा।
शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संयुक्त रूप से राज्यपाल को पत्र लिखकर मास्क नहीं लगाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और दो साल जेल की सजा से संबंधित आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया। इस अध्यादेश को गरीब विरोधी और कोरोना से परेशान जनता की परेशानियों को और बढ़ाने वाला बताया। कहा कि बेहतर होता कि जनता को मास्क के लिए दबाव न बनाकर स्वयं से बनाये हुए फेस मास्क, गमछा या रुमाल से चेहरे को ढकने के लिए प्रेरित किया जाता। दो दिन पहले बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी इसी आशय का पत्र लिखकर अध्यादेश को गरीब विरोधी और जनविरोधी बताते हुए दंड के प्रावधान को वापस करने का आग्रह किया था।
इधर भाजपा इस मामले को और आगे बढ़ाते हुए फेसबुक लाइव के माध्यम से विरोध करने का निर्णय किया है। अध्यादेश को निरस्त कराने की मांग को लेकर रविवार को प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता, अधिकारी फेसबुक लाइव के माध्यम से विरोध जाहिर करते हुए हेमंत सरकार को सचेत करेंगे। बहरहाल प्रदेश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और जनता संशय में है।