वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 5.8 प्रतिशत के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पहले के अनुमान 5.9 प्रतिशत से कम है। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा दिसंबर, 2023 के अंत में 9.82 लाख करोड़ रुपये या वार्षिक बजट लक्ष्य के 55 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
बजट पेश करते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि पर्यटन केंद्र विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों को दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा, जबकि इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पिछले साल आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला था। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण पर 750 अरब रुपये अलग रखे जाएंगे।
वित्त मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। सीतारमण ने 2047 तक विकसित भारत के सरकार के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा, "खाद्य, उर्वरक, ईंधन और वित्त महामारी के कारण मुद्दे हैं, लेकिन भारत ने सफलतापूर्वक अपना रास्ता बना लिया है।"