छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि उनकी सरकार इस पर सहमत नहीं है कि औद्योगीकरण और खनन नहीं होना चाहिए, बल्कि ये गतिविधियां विकास और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हैं। साय ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के जैव-विविधता से समृद्ध सरगुजा क्षेत्र के संबंध में खनन गतिविधियों के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के बाद उचित कदम उठाएगी, जहां पिछले कई वर्षों में अनेक स्थानों पर कोयला खनन के खिलाफ आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया है।
साय उत्तरी छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग से आते हैं, जहां भाजपा ने इस चुनाव में सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल की है। सरगुजा क्षेत्र के लोग, विशेषकर आदिवासी पिछले कई वर्षों से हसदेव अरंड वन क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं इस संबंध में नवनिर्वाचित सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, “..जहां तक खनन की बात है, उसे देखेंगे। खनन नहीं हो, उद्योग धंधे नहीं खुले, हम इस पक्ष में नहीं हैं। क्योंकि ये सब रोजगार बढ़ाने के अवसर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरगुजा संभाग में पर्यटन की अपार संभावना है, वह क्षेत्र वनों से आच्छादित है, यहां जलप्रपात भी बहुत हैं। मुख्यमंत्री होने के नाते हमारा प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिले। जब खनन होता है और उद्योग खुलते हैं तो लाभ के साथ हानि भी होती है, प्रदूषण भी होता है। इसलिए हर मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।’’