चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को अगले तकनीकी क्रांति का मुख्य आधार बताते हुए इसे चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में घोषित किया है। उन्होंने कहा कि AI मानव उत्पादन और जीवनशैली को नया रूप दे रहा है, और चीन को इस परिवर्तनकारी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करनी चाहिए। शी ने चीन की अनूठी संसाधन संचारण प्रणाली का उपयोग करके AI
नवाचार को बढ़ावा देने की बात की, साथ ही आत्मनिर्भरता और अनुप्रयोग-आधारित विकास पर जोर दिया।
उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान, औद्योगिक अनुप्रयोगों और नियामक ढांचे में तेजी लाने की आवश्यकता जताई ताकि चीन AI विकास और शासन दोनों पर नियंत्रण बनाए रख सके।
इस बीच, चीन की AI कंपनी DeepSeek ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इसने जनवरी 2025 में एक कम लागत वाला AI मॉडल लॉन्च किया, जिसे कम उन्नत चिप्स के साथ प्रशिक्षित किया गया था। इसने OpenAI जैसे पश्चिमी मॉडलों को कड़ी टक्कर दी है। हालांकि, 17 अप्रैल को अमेरिकी हाउस सेलेक्ट कमेटी ऑन स्ट्रैटेजिक कॉम्पिटिशन ने DeepSeek को "राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा" बताते हुए इसके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधों और संभावित सैन्य अनुप्रयोगों के बारे में चिंता जताई।
भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी DeepSeek के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए हैं, यह कहते हुए कि इसके डेटा संग्रहण प्रथाएँ उनके राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन कर सकती हैं। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने DeepSeek की डेटा संग्रहण प्रथाओं को 2024 के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम का संभावित उल्लंघन बताया है।
इस घटनाक्रम ने चीन की AI क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदमों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को उजागर किया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग का यह संदेश चीन के तकनीकी क्षेत्र को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।